चैत्यभूमि पर केवल आम जनता ही नहीं, बल्कि राजनीतिक नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियां भी श्रद्धांजलि देने पहुंचती हैं. यह स्थान केवल एक स्मारक नहीं है, बल्कि देशभर के लोगों के लिए एक प्रेरणा स्थल है. महापरिनिर्वाण दिवस पर पूरे देश में डॉ. अंबेडकर की स्मृति में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. चर्चा सत्रों में उनके विचारों और संविधान निर्माण में उनके योगदान पर चर्चा की जाती है. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से उनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को प्रस्तुत किया जाता है.