इस अतिक्रमण से न केवल यातायात में रुकावट आती है, बल्कि पैदल चलने वालों के लिए भी रास्ते पर चलना मुश्किल हो जाता है. (PICS/NIMESH DAVE)
तस्वीरों में आप देख सकते है कि फेरीवाले अपनी दुकानों को सड़क के किनारे इस तरह से लगाते हैं कि पैदल चलने वाले और वाहन चालक दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
कई बार, सड़कों पर इतनी भीड़ जमा हो जाती है कि गाड़ियों का चलना भी मुश्किल हो जाता है. इस अतिक्रमण के कारण वहां रहने वाले लोगों को काफी असुविधा हो रही है. छोटे बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए इन संकरे रास्तों से गुजरना और भी कठिन हो जाता है.
बीएमसी (BMC) ने कई बार इस अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन इसका कोई स्थायी हल अब तक नहीं निकल पाया है. कुछ समय के लिए प्रशासन की कार्रवाई के बाद स्थिति सामान्य हो जाती है, लेकिन फिर से फेरीवाले वही जगहों पर अपने ठेले और सामान लेकर बैठ जाते हैं. स्थानीय लोग मानते हैं कि बीएमसी को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और उन स्थानों पर फेरीवालों के लिए सुरक्षित, निर्धारित स्थानों की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि सड़क पर अतिक्रमण से बचा जा सके.
अतिक्रमण के कारण गली और आसपास के इलाके में सफाई भी एक बड़ी समस्या बन जाती है. फेरीवालों के द्वारा छोड़े गए कचरे और बर्बादी से आसपास का वातावरण गंदा हो जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकता है. इस कारण से क्षेत्र में रहने वाले लोग गंदगी और दुर्गंध से भी परेशान हैं.
स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है. अगर इस समस्या का समय रहते समाधान नहीं किया गया, तो आने वाले समय में यह और भी बड़ी चुनौती बन सकती है. फेरीवालों के लिए भी अगर उचित जगह और सुविधाएँ दी जाएं, तो यह समस्या काफी हद तक सुलझ सकती है.
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