मुंबई की उपनगरीय रेलवे प्रणाली, जो लाखों यात्रियों की दैनिक जीवनरेखा है, को बेहतर बनाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है. Pics/Satej Shinde
इस मेगा ब्लॉक के दौरान, विशेष रूप से गोरेगांव और कांदिवली के बीच की रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा.
ट्रैक शिफ्टिंग का कार्य मुख्य रूप से मलाड स्टेशन पर केंद्रित था, जहां पुराने ट्रैक को हटाकर नए ट्रैक पर स्थानांतरित किया गया.
इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए भारी मशीनरी और कुशल मानव संसाधनों का व्यापक उपयोग किया गया.
इसमें आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए रेलवे ट्रैक को उन्नत मानकों के अनुसार स्थापित किया गया, ताकि भविष्य में रेल यात्रा अधिक सुरक्षित और सहज हो सके.
रेलवे प्रशासन ने इस दौरान सुनिश्चित किया कि ट्रैक शिफ्टिंग का कार्य उच्चतम सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए किया जाए, ताकि यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो.
यह कार्य केवल ट्रैक को बदलने तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इसके तहत पूरे रेलवे ट्रैक के आधारभूत ढांचे में भी सुधार किया गया. इसमें रेल पटरी के नीचे की मिट्टी को मजबूत करना, सिग्नलिंग सिस्टम को उन्नत करना और बिजली आपूर्ति व्यवस्था को भी बेहतर बनाना शामिल था.
इन सभी सुधार कार्यों का मुख्य उद्देश्य यात्रियों की यात्रा को अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनाना है.
रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से इस असुविधा के लिए खेद प्रकट किया और समझाने की कोशिश की कि यह कार्य भविष्य में यात्रा को अधिक सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए किया जा रहा है.
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