घटना की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन अलर्ट हो गया और मौके पर इंजीनियरों की टीम को भेजा गया. (Pics / Satej Shinde)
घटना के बाद स्टेशन पर अफरातफरी का माहौल बन गया. बड़ी संख्या में यात्री स्टेशन पर फंसे रह गए और उन्हें गंतव्य तक पहुंचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
चूंकि मलाड स्टेशन पश्चिम रेलवे की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, इसलिए सेवाएं प्रभावित होते ही इसका असर आसपास के कई स्टेशनों पर भी देखने को मिला.
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ओवरहेड वायर में गिरे तार के टुकड़े ने ट्रैक पर करंट की आपूर्ति को बाधित कर दिया था, जिसके कारण ट्रेनें पूरी तरह से रोक दी गईं.
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मलाड पर सभी लोकल ट्रेनों का संचालन अस्थायी रूप से रोक दिया गया. रेलवे इंजीनियरों द्वारा मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया, लेकिन तकनीकी जटिलता के चलते सेवा को तुरंत बहाल कर पाना संभव नहीं हो सका.
इस स्थिति को संभालने के लिए पश्चिम रेलवे ने रात में निर्णय लिया कि बची हुई ट्रेनों को बोरीवली की ओर फास्ट लाइन पर स्थानांतरित कर दिया जाए.
आमतौर पर फास्ट लाइन का उपयोग एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए किया जाता है, लेकिन इस आपात स्थिति में इसका इस्तेमाल लोकल ट्रेनों के संचालन के लिए किया गया.
रेलवे ने यात्रियों को समय-समय पर घोषणाओं और सोशल मीडिया के ज़रिए सूचना प्रदान की, जिससे कि उन्हें वैकल्पिक योजनाओं की जानकारी मिल सके. रविवार तक स्थिति सामान्य होने की संभावना जताई जा रही है.
रेलवे प्रशासन ने यह भी कहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए ओवरहेड वायर की निगरानी और निरीक्षण प्रणाली को और सख्त बनाया जाएगा.
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