मेले के आयोजकों के अनुसार, इस बार भी मेले में सुरक्षा और मनोरंजन के विशेष प्रबंध किए गए हैं.
मेले की प्रमुख विशेषताओं में बच्चों के लिए झूले, खाद्य स्टॉल, और धार्मिक आयोजन शामिल हैं. मेले के आकर्षण में विशालकाय फेरिस व्हील प्रमुख है, जो वर्षों से मेले का प्रतीक रहा है.
श्रमिकों ने सुबह से ही मेले के मैदान में काम शुरू कर दिया था. भारी उपकरणों और क्रेनों की मदद से विशालकाय फेरिस व्हील को खड़ा करने का काम किया गया. मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. स्थानीय पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.
फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस सेवाओं को भी अलर्ट पर रखा गया है. मेले के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. मेले में आने वाले लोगों को इस बार कई नए मनोरंजक खेल और झूले भी देखने को मिलेंगे. इसके अलावा, पारंपरिक खानपान के स्टॉल, हस्तशिल्प की दुकानों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा.
स्थानीय लोगों और व्यापारियों के लिए यह मेला न केवल आस्था का केंद्र है बल्कि आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी है. मेले में भाग लेने वाले व्यापारी महीनों पहले से अपनी तैयारियों में जुट जाते हैं.
माहिम मेले की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता भी है. यह मेला संत मखदूम शाह बाबा की याद में आयोजित किया जाता है और इसमें हर धर्म और समुदाय के लोग बड़ी संख्या में भाग लेते हैं.
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