Updated on: 01 September, 2025 09:44 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
तालिबान सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि अफ़ग़ानिस्तान के पूर्वी हिस्से में आए भूकंप में कम से कम 610 लोग मारे गए हैं, 1,300 घायल हुए हैं और कई गाँव तबाह हो गए हैं.
अफ़ग़ान स्वयंसेवक और तालिबान कार्यकर्ता सोमवार को नूरगल से निकाले गए एक भूकंप पीड़ित को इलाज के लिए जलालाबाद ले जाते हुए. तस्वीर/पीटीआई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अफ़ग़ानिस्तान में आए भूकंप से हुई जानमाल की हानि पर गहरा दुःख व्यक्त किया और कहा कि भारत प्रभावित लोगों को हर संभव मानवीय सहायता और राहत प्रदान करने के लिए तैयार है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार तालिबान सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि अफ़ग़ानिस्तान के पूर्वी हिस्से में आए भूकंप में कम से कम 610 लोग मारे गए हैं, 1,300 घायल हुए हैं और कई गाँव तबाह हो गए हैं.
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रिपोर्ट के मुताबिक रविवार देर रात 6.0 तीव्रता का भूकंप पड़ोसी नंगहार प्रांत के जलालाबाद शहर के पास कुनार प्रांत के कई कस्बों में आया. मोदी ने एक्स पर कहा, "अफ़ग़ानिस्तान में आए भूकंप से हुई जानमाल की हानि से बहुत दुखी हूँ. इस कठिन घड़ी में हमारी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएँ शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं, और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं. भारत प्रभावित लोगों को हर संभव मानवीय सहायता और राहत प्रदान करने के लिए तैयार है."
चीन में शंघाई सहयोग संगठन के विरोध प्रदर्शन के दौरान, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि "शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के लिए भारत का दृष्टिकोण तीन स्तंभों, सुरक्षा, संपर्क और अवसर, पर आधारित है." रिपोर्ट के अनुसार एससीओ में अपनी चीन यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने देशों के विकास के लिए सुरक्षा, शांति और स्थिरता के महत्व पर भी ज़ोर दिया. साथ ही, उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान और मध्य एशिया के लिए भारत के संपर्क प्रयासों पर भी प्रकाश डाला और एक सभ्यतागत संवाद मंच के निर्माण का सुझाव दिया. मोदी ने एससीओ सदस्य देशों के सांस्कृतिक पहलुओं को विश्व स्तर पर लाने पर ज़ोर दिया.
पहलगाम आतंकी हमले पर कटाक्ष करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है. हाल ही में, हमने पहलगाम में आतंकवाद का सबसे बुरा रूप देखा. मैं उन मित्र देशों के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ जो इस दुख की घड़ी में हमारे साथ खड़े रहे." रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने कनेक्टिविटी परियोजनाओं के महत्व पर प्रकाश डालते हुए और इसे कनेक्टिविटी का दूसरा स्तंभ बताते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि "भारत का हमेशा से मानना रहा है कि मज़बूत कनेक्टिविटी न केवल व्यापार को बढ़ावा देती है, बल्कि विकास और विश्वास के द्वार भी खोलती है. इसी को ध्यान में रखते हुए, हम चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसी पहलों पर काम कर रहे हैं." इससे हमें अफ़ग़ानिस्तान और मध्य एशिया के साथ संपर्क बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.
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