लेकिन जगह-जगह बने गड्ढों ने न केवल यातायात को धीमा कर दिया है बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया है. (Pics / Ashish Raje)
स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश शुरू होने के बाद से ही सड़क की हालत बिगड़ गई थी, लेकिन अब गड्ढों का आकार इतना बड़ा हो चुका है कि दोपहिया वाहनों और ऑटो चालकों के लिए इनसे बचना मुश्किल हो गया है.
कई बार अचानक सामने आए गड्ढों के कारण वाहन संतुलन खो बैठते हैं और दुर्घटनाएँ होने का खतरा बढ़ जाता है.
सकड़ से गुजरनेवाले यात्रियों का कहना है कि बीपीटी रोड पहले ही जाम और भारी ट्रक यातायात के लिए बदनाम रही है. अब गड्ढों के कारण स्थिति और गंभीर हो गई है. ऑफिस जाने वाले लोग देर से पहुँच रहे हैं, वहीं स्कूल बसें भी इन रास्तों पर धीरे-धीरे चल रही हैं.
वाहन चालकों का आरोप है कि कई बार नगर निगम और संबंधित प्राधिकरणों से शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.
स्थानीय रहवासियों का कहना है कि बीपीटी रोड से भारी कंटेनर ट्रक भी लगातार गुजरते हैं, जिससे सड़क पर दबाव बढ़ता है और गड्ढे और गहरे हो जाते हैं.
बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि बरसात के मौसम में खराब सड़कें आम बात बन चुकी हैं और इसके चलते मुंबईकरों को सबसे ज़्यादा परेशानी उठानी पड़ती है.
विशेषज्ञों का मानना है कि बीपीटी रोड जैसे अहम मार्ग पर गड्ढों की समस्या को हल करने के लिए केवल अस्थायी मरम्मत पर्याप्त नहीं है. इसके लिए बेहतर गुणवत्ता वाली सामग्री और ठोस योजना की ज़रूरत है, ताकि बार-बार होने वाले नुकसान से बचा जा सके.
फिलहाल, बीपीटी रोड से गुजरने वाले वाहन चालकों के लिए हर दिन का सफर एक चुनौती बना हुआ है.
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