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6वीं कक्षा का छात्र खिलौना समझकर स्कूल ले आया पिस्तौल

Updated on: 25 August, 2024 07:47 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

दिल्ली पुलिस स्कूल पहुंची और बाद में पता चला कि उसने पिस्तौल को खिलौना समझ लिया था.

रिप्रेजेंटेटिव इमेज/फ़ाइल

रिप्रेजेंटेटिव इमेज/फ़ाइल

शनिवार को एक चौंकाने वाली घटना घटी जब दिल्ली के ग्रीन वैली स्कूल के 6 वीं कक्षा के छात्र के स्कूल बैग में पिस्तौल मिली. घटना की सूचना मिलने के बाद दिल्ली पुलिस स्कूल पहुंची और बाद में पता चला कि छात्र अपने दिवंगत पिता की लाइसेंसी पिस्तौल अपने बैग में स्कूल लाया था और उसने पिस्तौल को खिलौना समझ लिया था.

दिल्ली में हुई इस घटना के बारे में विस्तार से बताते हुए एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शनिवार को दिल्ली के ग्रीन वैली स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ने वाला एक छात्र खिलौना समझकर अपने दिवंगत पिता की लाइसेंसी पिस्तौल बैग में लेकर आ गया. जब इसकी जानकारी स्कूल टीचर को हुई तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी. इस घटना की सूचना मिलने पर पुलिस स्कूल पहुंची और इस पिस्तौल को कब्जे में ले लिया. हालाँकि, पिस्तौल बिना मैगजीन के पाई गई, जिससे स्कूल प्रबंधन में तत्काल चिंता बढ़ गई. पुलिस को बुलाने से पहले ही स्कूल ने लड़के की माँ से संपर्क कर लिया था.


स्कूल में पिस्तौल लाने वाले छात्र की मां ने पुलिस को बताया कि लड़के के दिवंगत पति के पास एक लाइसेंसी पिस्तौल थी, जिसे उसे पुलिस स्टेशन में जमा करना था. हालाँकि, गड़बड़ी के कारण पिस्तौल उनके बेटे के स्कूल बैग में पहुँच गई. पुलिस ने इस बंदूक के लाइसेंस की जांच करने के बाद पुष्टि की कि यह वैध है जिसके कारण छात्र या उसकी मां के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया. लड़के की मां ने उसी दिन पिस्तौल को बीएचडी नगर पुलिस स्टेशन के संपत्ति कक्ष में जमा कर दिया. दिल्ली पुलिस ने इस घटना को वास्तविक गलती बताते हुए केस बंद कर दिया है.


गौरतलब है कि भारत से ज्यादा अमेरिका में छात्र अक्सर स्कूल में बंदूक लेकर आते हैं और अंधाधुंध फायरिंग करते हैं. अमेरिकी स्कूलों में ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें सैकड़ों छात्रों और शिक्षकों की जान चली गई है. अमेरिका में ये मामला काफी बढ़ा हुआ है और कई बार इन हथियारों पर बैन लगाने की मांग की जा रही है. हालाँकि, भारत में भी इस तरह की घटना होने पर चिंता व्यक्त की जा रही है. इसके अलावा, देश में स्कूलों और कॉलेजों को बम से उड़ाने की धमकियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है, जिसके कारण पुलिस प्रशासन तुरंत सतर्क हो जाता है और ऐसे धमकी भरे फोन कॉल पर अधिक ध्यान देता है और तलाशी के लिए आसपास के इलाकों को खाली कराने के लिए सख्त कार्रवाई करता है. बमों के लिए लेकिन इनमें से अधिकतर फोन ख़राब हैं.


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