Updated on: 29 September, 2025 07:18 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
उन्होंने आरोप लगाया कि यह उनके फैसलों से परेशान एक शक्तिशाली आयात लॉबी का काम है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी. फाइल फोटो
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को इथेनॉल मिश्रण के संबंध में अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर विवाद में पड़ने से इनकार कर दिया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने आरोप लगाया कि यह उनके फैसलों से परेशान एक शक्तिशाली आयात लॉबी का काम है.नागपुर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, मंत्री ने खुद की तुलना "फल देने वाले पेड़" से की और कहा, "मैं ऐसी आलोचनाओं का जवाब नहीं देता क्योंकि तब यह खबर बन जाती है. जिस पेड़ पर फल लगते हैं, लोग उसे पत्थर मारते हैं. बेहतर है कि हम इससे बचें."
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रिपोर्ट के मुताबिक गडकरी ने कहा कि उनकी नीति का फोकस इथेनॉल मिश्रण को बढ़ावा देना, किसानों को ऊर्जा उत्पादक बनाना और प्रदूषण कम करना है. उन्होंने दावा किया कि इस नीति से ईंधन आयात में निहित स्वार्थ रखने वालों को सीधे तौर पर नुकसान पहुँचा है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, "जीवाश्म ईंधन के आयात के कारण लगभग 22 लाख करोड़ रुपये देश से बाहर जा रहे थे. उनके व्यवसाय प्रभावित हुए और वे नाराज़ होकर मेरे खिलाफ पेड न्यूज़ चलाने लगे." उन्होंने आगे कहा, "मैंने आज तक किसी भी ठेकेदार से एक पैसा भी नहीं लिया है और इसलिए ठेकेदार मुझसे डरते हैं."
उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने काम पर ध्यान केंद्रित करेंगे और झूठे आरोपों से विचलित नहीं होंगे, जो राजनीति का एक आम और स्वाभाविक हिस्सा हैं.मंत्री ने कहा, "लोग जानते हैं कि सच्चाई क्या है...मैं पहले भी कई बार ऐसी परिस्थितियों से गुज़रा हूँ." रिपोर्ट के अनुसार गडकरी के बेटे निखिल द्वारा संचालित कंपनी CIAN एग्रो इंडस्ट्रीज, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण अनिवार्य करने के बाद से मुनाफे और राजस्व में नाटकीय वृद्धि को लेकर विवादों का केंद्र रही है. कंपनी का राजस्व वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 17.47 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 510.8 करोड़ रुपये हो गया. मुनाफा भी लगभग नगण्य स्तर से बढ़कर 52 करोड़ रुपये से ज़्यादा हो गया, जिसका मुख्य कारण इथेनॉल मिश्रण में तेज़ी और नई सहायक कंपनियों में विस्तार था. सीयान एग्रो का शेयर मूल्य भी सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर एक साल पहले के 172 रुपये से बढ़कर 2,023 रुपये हो गया. विश्लेषकों का कहना है कि यह वृद्धि केवल इथेनॉल की बिक्री से ही नहीं, बल्कि "अन्य आय" और नए व्यवसायों से भी हुई है.
पिछले हफ़्ते, गडकरी ने कहा था कि देश को अब इथेनॉल निर्यात के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि भारत ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य पूरा कर लिया है और उसे देश में अतिरिक्त उत्पादन बेचना चाहिए. "यह भारत के भविष्योन्मुखी विकास का समय है. हमें अपने आयात कम करने और निर्यात बढ़ाने की आवश्यकता है. जहाँ तक इथेनॉल के अधिशेष का सवाल है, अब देश की आवश्यकता है कि हम इथेनॉल का निर्यात करें," मंत्री ने नई दिल्ली में आयोजित जैव ऊर्जा और प्रौद्योगिकी पर दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी को संबोधित करते हुए कहा, जिसमें भारत के इथेनॉल उत्पादन पर प्रकाश डाला गया. देश में इथेनॉल उत्पादन 30 जून तक लगभग 1,822 करोड़ लीटर के वार्षिक उत्पादन तक पहुँच गया. सरकार का पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रण (ईबीपी) कार्यक्रम इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2025-26 के लिए 20 प्रतिशत मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने के लिए उत्पादन में वृद्धि को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक उत्पादन मुख्य रूप से गुड़ (गन्ना-आधारित) और अनाज (मक्का, चावल) दोनों फीडस्टॉक पर निर्भर करता है. चालू ईएसवाई 2024-25 में, 31 जुलाई तक औसतन 19.05 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण प्राप्त किया गया. मंत्री ने इथेनॉल के क्षेत्र में ब्राज़ील की अग्रणी भूमिका पर प्रकाश डाला और इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने मक्का-आधारित इथेनॉल की सफलता का हवाला दिया, जिससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.
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