Updated on: 26 August, 2025 06:35 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों ने यह भी बताया कि मंगलवार को लद्दाख के अन्य मैदानी इलाकों में भी मध्यम बारिश हुई.
अधिकारियों ने पुराने मिट्टी के घरों को संभावित नुकसान के प्रति आगाह किया है. प्रतीकात्मक तस्वीर
देश के उत्तरी क्षेत्र में पहले से ही खराब मौसम की मार झेल रहे लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों, जिनमें 18,379 फीट ऊंचा खारदुंग ला दर्रा भी शामिल है, में इस मौसम की पहली बर्फबारी हुई. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों ने यह भी बताया कि मंगलवार को लद्दाख के अन्य मैदानी इलाकों में भी मध्यम बारिश हुई.
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रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों में अधिकांश पर्वतीय दर्रों में हल्की से मध्यम बर्फबारी हुई है. जिन इलाकों में बर्फबारी हुई, उनमें खारदुंग ला टॉप भी शामिल है, जिसे श्योक और नुब्रा घाटियों का प्रवेश द्वार कहा जाता है. अधिकारियों ने बताया कि बर्फबारी वाले अन्य प्रमुख इलाकों में 17,950 फीट ऊंचा चांगला टॉप, लेह-पैंगोंग झील मार्ग और ज़ांस्कर घाटी के आसपास के इलाके शामिल हैं.
स्थिति पर आगे बात करते हुए, अधिकारियों ने बताया कि लेह और कारगिल जिला मुख्यालयों के साथ-साथ अन्य उपखंडों में भी बारिश हुई. रिपोर्ट के अनुसार
अभी तक लद्दाख में किसी नुकसान या व्यवधान की कोई खबर नहीं है. इसके अलावा, मौसम ब्यूरो ने लद्दाख के लिए लाल मौसम चेतावनी जारी की है, जिसमें कई जगहों पर भारी बारिश, मंगलवार को हल्की से मध्यम बारिश और कुछ जगहों पर भारी वर्षा, और उसके बाद 27 से 30 अगस्त तक शुष्क मौसम की भविष्यवाणी की गई है.
इसके अलावा, अधिकारियों ने पुराने मिट्टी के घरों को संभावित नुकसान, पानी के रिसाव, दर्रों पर यातायात बाधित होने, ऊँचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और स्थानीय स्तर पर भूस्खलन या भूस्खलन की आशंका के प्रति भी आगाह किया है. रिपोर्ट के मुताबिक जनता को सतर्क रहने और आधिकारिक सलाह का पालन करने की सलाह दी गई है.
अधिकारियों ने यह भी घोषणा की है कि खराब मौसम के कारण लेह हवाई अड्डे से आने-जाने वाली कई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. परिणामस्वरूप, तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा कुछ और समय तक लेह में रुकेंगे. एक अधिकारी ने दलाई लामा की यात्रा के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, "डेढ़ महीने के लद्दाख दौरे के बाद उन्हें धर्मशाला स्थित अपने आवास पर लौटना था. दलाई लामा 12 जुलाई को लेह पहुँचे, लेकिन खराब मौसम के कारण उनकी उड़ान नहीं हो सकी."
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