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सुप्रीम कोर्ट पहुंचे बाबा रामदेव, भ्रामक एड देना पड़ा पतंजलि को महंगा

Updated on: 02 April, 2024 12:57 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और कंपनी के एमडी बालकृष्ण को आज व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद भ्रामक विज्ञापनों को लेकर पतंजलि से माफी भी मांगी गई थी.

सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद भ्रामक विज्ञापनों को लेकर पतंजलि से माफी भी मांगी गई थी.

योग गुरु के नाम से मशहूर बाबा रामदेव आज सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गए है. पिछले कुछ समय से पतंजलि आयुर्वेद पर भ्रामक विज्ञापन देने के मामले में सुनवाई हो रही है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के निर्देशों का पालन न करने पर नाराजगी जताई थी. इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और कंपनी के एमडी बालकृष्ण को आज व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था.

पतंजलि की ओर से माफी भी मांगी गई


सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद भ्रामक विज्ञापनों को लेकर पतंजलि से माफी भी मांगी गई थी. कंपनी ने माफी मांगते हुए कहा कि हमारा एकमात्र उद्देश्य देश के नागरिकों को हमारे उत्पादों का उपयोग करके स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करना है. फरवरी में जब मामले की सुनवाई हो रही थी, तब सुप्रीम कोर्ट ने अदालती नोटिस का जवाब दाखिल करने में विफल रहने पर पतंजलि को फटकार भी लगाई थी. इतना ही नहीं, अदालत को यह भी बताया गया कि दिए गए वचन का उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना ​​​​की कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए. न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने रामदेव को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू की जाए.


सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को सभी उत्पादों के विज्ञापन बंद करने का भी निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को अपने उत्पादों के सभी विज्ञापन बंद करने का भी निर्देश दिया था. जिसमें ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 में निर्दिष्ट बीमारियों और विकारों का इलाज करने का दावा किया गया था. ऐसे में पिछले साल नवंबर महीने में ये मामला तूल पकड़ना शुरू हुआ. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि पतंजलि अपनी दवाओं के बारे में गलत दावे कर रही है. बताया जा रहा है कि पतंजलि इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में जो विज्ञापन चला रही है, उसमें गलत दावे किए जा रहे हैं. इन विज्ञापनों में कहीं न कहीं एलोपैथिक चिकित्सा और उसके डॉक्टरों को कमतर दिखाया गया. ऐसे कई उदाहरण आईएमए ने दिए थे जब उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.


नवंबर 2023 में भी सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद (बाबा रामदेव) से आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के खिलाफ भ्रामक दावे और विज्ञापन करना बंद करने को कहा था. इसके बाद पतंजलि ने अदालत से कहा कि वह इस तरह का कोई भी बयान या निराधार दावा नहीं करेगी.

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