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वक्फ अधिनियम पर सीजेआई की टिप्पणी, कहा- `अदालत तब तक हस्तक्षेप नहीं कर सकती जब तक`

Updated on: 20 May, 2025 09:35 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

इस मामले को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद चल रहा है. दोनों पक्षों को चर्चा के लिए दो-दो घंटे का समय मिलेगा.

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट आज वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता पर सुनवाई कर रहा है. मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ दोनों पक्षों की सुनवाई करेगी. कोर्ट आज वक्फ बोर्ड पर अंतरिम आदेश भी जारी कर सकता है. इस मामले को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद चल रहा है. दोनों पक्षों को चर्चा के लिए दो-दो घंटे का समय मिलेगा.

सुप्रीम कोर्ट आज वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर सुनवाई करेगा. इस अधिनियम की संवैधानिक वैधता को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है. सर्वोच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. दोनों पक्ष दो-दो घंटे तक विचार-विमर्श करेंगे, जिसकी अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह करेंगे. अदालत आज इस मुद्दे पर अंतरिम आदेश जारी कर सकती है. वक्फ बोर्ड की सुनवाई के दौरान सीजेआई बीआर गवई ने बड़ी टिप्पणी की है. 


मुख्य न्यायाधीश के अनुसार, "संसद द्वारा पारित कानून की संवैधानिक वैधता होती है. इसलिए, जब तक कोई ठोस मामला प्रस्तुत नहीं किया जाता, अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती." सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वक्फ अल्लाह को दिया गया दान है. एक बार वक्फ को दी गई संपत्ति हमेशा के लिए वक्फ के पास ही रहती है, उसे किसी और को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता. सर्वोच्च न्यायालय में सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय से आग्रह किया कि अंतरिम आदेश पारित करने के लिए केवल तीन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाए. इसमें वक्फ भूमि के उपयोगकर्ता, वक्फ की संरचना और कलेक्टर द्वारा जांच का मुद्दा शामिल होना चाहिए.


वक्फ बोर्ड के उपयोगकर्ताओं में वे संपत्तियां शामिल हैं जो वक्फ बोर्ड को दान नहीं की गई हैं, लेकिन लंबे समय से वक्फ के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं. वहीं, दूसरा मुद्दा वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों के प्रवेश को लेकर है. तीसरा मुद्दा वक्फ अधिनियम में वह प्रावधान है जो कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों का निरीक्षण करने का अधिकार देता है. उदाहरण के लिए, यदि कलेक्टर को संदेह है कि संपत्ति वक्फ नहीं है, तो उसे वक्फ भूमि नहीं माना जाएगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ एक्ट 1955 पर रोक न लगाने का आदेश दिया था. हालांकि कोर्ट ने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और केंद्र सरकार को 19 मई तक लिखित दलीलें पेश करने को कहा था.


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