Updated on: 19 May, 2025 02:41 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने शिरडी के प्रसिद्ध साईं बाबा मंदिर में दर्शन कर आशीर्वाद लिया. उन्होंने साईं बाबा की तपस्या और उनके संदेश को समाज के आध्यात्मिक और व्यावहारिक जागरण के लिए मार्गदर्शक बताया.
Instagram Photos / Shri Saibaba Shirdi Live Darshan
आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को शिरडी के प्रसिद्ध साईं बाबा मंदिर में दर्शन किए. उन्होंने कहा कि साईं बाबा की तपस्या और उनके जीवन का संदेश भले ही उनके भौतिक निधन के बाद भी देश भर में समाज के आध्यात्मिक और व्यावहारिक जागरण का मार्गदर्शन करता रहता है. भागवत ने इस बात पर जोर दिया कि साईं बाबा की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और समाज को एकजुट करने का काम करती हैं.
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इस अवसर पर डिप्टी सीईओ भीमराज दराडे, आरएसएस के जिला संघचालक किशोर निर्मल, जिला कार्यवाह दीपक जोंधले, संयुक्त जिला कार्यवाह गोपी परदेशी (कुमावत) तथा संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी दीपक लोखंडे भी उनके साथ मौजूद थे. सभी ने मिलकर धार्मिक और सामाजिक कार्यों में एकजुटता का संदेश दिया.
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मंदिर प्रशासन की प्रशंसा करते हुए डॉ. भागवत ने कहा कि साईं बाबा समाधि मंदिर के दैनिक संचालन, विकास और प्रबंधन में लगे सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का वे हृदय से आभार व्यक्त करते हैं. उन्होंने ऐतिहासिक द्वारकामाई का भी दौरा भी किया, जहां साईं बाबा ने शिरडी आगमन से लेकर महासमाधि तक समय बिताया था. इस दौरान उन्होंने बाबा की ऐतिहासिक तस्वीरें देखीं और मंदिर के इतिहास को करीब से जाना. इसके बाद भागवत ने सरला बेट के मुख्य पुजारी रामगिरी महाराज से भी भेंट की.
डॉ. भागवत ने स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को भी याद करते हुए लिखा कि 1857 के विद्रोह में भाग लेने वाले कई स्वतंत्रता सेनानी बाद में भूमिगत हो गए या नई पहचान बना ली, ताकि वे स्वतंत्रता संग्राम का समर्थन जारी रख सकें. उन्होंने कहा कि शिरडी के साईं बाबा जैसे दिव्य व्यक्तित्व भी ब्रिटिश शासकों के संदेह के घेरे में थे और उन पर खुफिया निगरानी रखी जाती थी.
इस पूरे दौरे के दौरान मोहन भागवत ने साईं बाबा के संदेशों को पुनः जीवन में उतारने और समाज में एकता, प्रेम तथा सहिष्णुता बढ़ाने का आह्वान किया. उनका यह दौरा न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना के संवर्धन का भी प्रतीक है.
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