Updated on: 04 August, 2024 03:02 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
यातायात नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर-लेह मार्ग पर यातायात को अगले नोटिस तक बंद कर दिया गया है.
प्रतीकात्मक तस्वीर. फोटो/पीटीआई
अधिकारियों ने रविवार को कहा कि गंदेरबल जिले में जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से एक सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है, जिसके कारण श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद करना पड़ा है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार यातायात नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने कहा कि गंदेरबल जिले के कचेरवान में सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण श्रीनगर-लेह मार्ग पर यातायात को अगले नोटिस तक बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बादल फटने के कारण रात में सड़क क्षतिग्रस्त हो गई थी.
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रिपोर्ट के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से आई बाढ़ के कारण आवासीय घरों सहित कुछ इमारतों को नुकसान पहुंचा है. अधिकारी ने कहा कि जरूरतमंद लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. राजमार्ग के बंद होने से कश्मीर घाटी लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश से कट गई है, जबकि अमरनाथ यात्रा के लिए बालटाल बेस कैंप भी दुर्गम हो गया है.
इस बीच, भारतीय सेना ने गुरुवार को रामपुर के समज में हुए बादल फटने से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और बहाली के अपने प्रयास जारी रखे हैं. रिपोर्ट के अनुसार सेना ने बचाव कार्यों को सुविधाजनक बनाने के लिए कटे हुए क्षेत्रों के बीच संपर्क स्थापित करने के लिए अस्थायी पुल बनाए हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड और सीआईएसएफ की टीमें बचाव और तलाशी अभियान के लिए समन्वय कर रही हैं.
होमगार्ड कमांडेंट ने कहा, "आज चौथा दिन है. कल समीक्षा बैठक हुई थी. आज हम युद्धस्तर पर काम करेंगे. यहां पांच जेसीबी तैनात की गई हैं. टास्क फोर्स को यहां अलग-अलग भूमिकाएं सौंपी गई हैं. आज सुबह 7 बजे तलाशी अभियान शुरू हुआ. मुझे उम्मीद है कि आज हम शव बरामद कर लेंगे. स्थानीय लोगों ने हमें बताया है कि हमें शव कहां मिल सकते हैं. हम वहां भी तलाशी अभियान चलाएंगे. हम एक पुल भी बना रहे हैं." हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शनिवार को कहा कि प्रभावित इलाकों में करीब 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है और आधिकारिक पुष्टि और बचाव अभियान पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है. सिंह ने यह भी कहा कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता शवों को बरामद करना और राज्य के प्रभावित इलाकों में जल्द से जल्द संपर्क बहाल करना है.
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