Updated on: 27 April, 2025 10:40 AM IST | Mumbai 
                                                    
                            Hindi Mid-day Online Correspondent                             
                                   
                    
Vaishakh Amavasya 2025: सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगाजल से स्नान करें या स्नान के जल में गंगाजल मिलाएं. फिर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें.
 
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आज 27 अप्रैल 2025 को वैशाख मास की अमावस्या तिथि पर पूरे देश में श्रद्धालु भक्ति में लीन नजर आए. विशेष रूप से हरिद्वार के हर की पौड़ी पर हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और पवित्र गंगा में स्नान कर पुण्य अर्जित किया. इस शुभ अवसर पर पितरों की शांति और आत्मा की मुक्ति के लिए विशेष पूजा-अर्चना की गई.
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वैशाख अमावस्या को हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन गंगा स्नान, तर्पण, दान-पुण्य और भगवान विष्णु एवं भगवान शिव की विशेष पूजा का विधान है. मान्यता है कि इस दिन पवित्र स्नान और धार्मिक कर्मों से जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है और पितृ दोष का शमन होता है.
पूजा-विधि और नियम
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगाजल से स्नान करें या स्नान के जल में गंगाजल मिलाएं. फिर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें. घर में भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करें, उन्हें पीले फूल, तुलसी पत्र, चंदन और पंचामृत का भोग अर्पित करें. विष्णु सहस्रनाम या विष्णु चालीसा का पाठ अवश्य करें. साथ ही, पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान और गरीबों को भोजन या दान करना अत्यंत फलदायी माना जाता है.
शुभ मुहूर्त
>> अमावस्या तिथि प्रारंभ: 27 अप्रैल 2025 सुबह 4:49 बजे
>> अमावस्या तिथि समाप्त: 28 अप्रैल 2025 रात 1:00 बजे
>> स्नान-दान मुहूर्त: सुबह 4:17 से 5:00 बजे तक
विशेष अनुष्ठान
हरिद्वार में हर की पौड़ी पर श्रद्धालुओं ने विधिपूर्वक दीपदान किया और गंगा मईया से परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की. पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाकर श्रद्धालुओं ने 108 परिक्रमाएं कीं और शनि चालीसा व हनुमान चालीसा का पाठ भी किया. दान के रूप में काले तिल, वस्त्र, अन्न और जलदान का विशेष महत्त्व रहा.
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