Updated on: 02 August, 2025 08:37 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
अहमदाबाद सिटी ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी सफीन हसन के अनुसार, पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने कड़ा संज्ञान लिया है.
अहमदाबाद में सार्वजनिक पोस्टर
गुजरात के अहमदाबाद में महिलाओं के देर रात पार्टियों और सुनसान जगहों पर जाने पर प्रतिबंध लगाने वाले पोस्टर विवाद के बाद हटा दिए गए हैं. अहमदाबाद सिटी ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी सफीन हसन के अनुसार, पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने इस मामले पर कड़ा संज्ञान लिया है. हसन के अनुसार, इस संबंध में सोला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है.
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सतर्कता एनजीओ इस बात की जाँच करेंगे कि अहमदाबाद की सड़कों पर ये पोस्टर किसकी अनुमति से लगाए गए थे. सफीन हसन ने कहा कि अहमदाबाद पुलिस महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. ऐसे में इस बात की जाँच की जाएगी कि एनजीओ ने किसी ट्रैफिक अधिकारी से अनुमति ली थी या नहीं.
अहमदाबाद के कई इलाकों में सड़कों पर कुछ पोस्टर लगाए गए थे. ये पोस्टर महिलाओं को संबोधित थे और इनमें लिखा था कि देर रात पार्टियों और सुनसान जगहों पर जाने से बलात्कार या सामूहिक बलात्कार हो सकता है. सड़कों पर लगे एक पोस्टर में लिखा था, "दोस्तों के साथ अंधेरे, सुनसान इलाकों में न जाएँ. आपका बलात्कार या सामूहिक बलात्कार हो सकता है." सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया के बाद, अहमदाबाद पुलिस ने पोस्टर हटा दिए. बताया गया कि ये पोस्टर अहमदाबाद ट्रैफिक पुलिस द्वारा प्रायोजित थे.
डीसीपी ट्रैफिक सफीन हसन ने शनिवार को साफ तौर पर कहा था कि अहमदाबाद शहर पुलिस का इन पोस्टरों से कोई लेना-देना नहीं है. एनजीओ को सिर्फ़ ट्रैफ़िक जागरूकता से जुड़े पोस्टर लगाने की अनुमति थी, लेकिन ये पोस्टर बिना किसी अनुमति के लगाए गए. इस संबंध में पूरी जाँच की जाएगी. ट्रैफ़िक पुलिस के अन्य अधिकारियों का कहना है कि एनजीओ को सिर्फ़ सड़क सुरक्षा से जुड़े बैनर और पोस्टर लगाने की अनुमति थी, लेकिन यह आश्चर्यजनक है कि महिला सुरक्षा से जुड़े पोस्टर क्यों लगाए गए. सूत्रों की मानें तो सीपी जीएस मलिक ने इस पूरे विवाद पर कड़ा संज्ञान लिया है. यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब अहमदाबाद को देश का सबसे सुरक्षित शहर घोषित किया गया है.
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