Updated on: 24 August, 2025 07:34 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
इस स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली का शनिवार को ओडिशा तट से दोपहर 12:30 बजे उड़ान परीक्षण किया गया.
चित्र/X
भारत ने ओडिशा तट से एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) का पहला उड़ान परीक्षण "सफलतापूर्वक" किया है, जो बदलते क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य में अपनी बढ़ती सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन करता है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, IADWS एक बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है जिसमें स्वदेशी त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (QRSAM), अति लघु दूरी वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) मिसाइलें और एक उच्च शक्ति वाली लेज़र-आधारित निर्देशित-ऊर्जा हथियार (DEW) प्रणाली शामिल है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इस स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली का शनिवार को ओडिशा तट से दोपहर 12:30 बजे उड़ान परीक्षण किया गया.
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रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्लेटफ़ॉर्म के विकासकर्ता रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और सशस्त्र बलों को उड़ान परीक्षणों के लिए बधाई दी. नई वायु रक्षा प्रणाली का उड़ान परीक्षण ऑपरेशन सिंदूर के साढ़े तीन महीने बाद हुआ. सिंह ने सोशल मीडिया पर कहा, "मैं IADWS के सफल विकास के लिए DRDO, भारतीय सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को बधाई देता हूँ."
उन्होंने कहा, "इस अनूठे उड़ान परीक्षण ने हमारे देश की बहुस्तरीय वायु-रक्षा क्षमता को स्थापित किया है और यह दुश्मन के हवाई खतरों के विरुद्ध महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की क्षेत्रीय रक्षा को मज़बूत करेगा." रिपोर्ट के अनुसार IADWS के अंतर्गत, सभी हथियार प्रणालियों का एकीकृत संचालन एक केंद्रीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र द्वारा नियंत्रित किया जाएगा. यह कमान और नियंत्रण केंद्र DRDO द्वारा विकसित किया गया है, जो वायु रक्षा कार्यक्रम के लिए नोडल प्रयोगशाला है. VSHORADS और DEW क्रमशः अनुसंधान केंद्र इमारत और उच्च ऊर्जा प्रणाली एवं विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित किए गए हैं.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "उड़ान परीक्षणों के दौरान, दो उच्च गति वाले स्थिर-पंख वाले मानवरहित हवाई वाहन लक्ष्यों और एक बहु-हेलीकॉप्टर ड्रोन सहित तीन अलग-अलग लक्ष्यों को QRSAM, VSHORADS और उच्च-ऊर्जा लेज़र हथियार प्रणाली द्वारा अलग-अलग दूरी और ऊँचाई पर एक साथ निशाना बनाकर पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया." रिपोर्ट के मुताबिक इसमें कहा गया है कि मिसाइल प्रणाली और ड्रोन पहचान एवं विनाश प्रणाली, कमान एवं नियंत्रण तंत्र, संचार एवं रडार सहित सभी हथियार प्रणाली घटकों ने "बेदाग़" प्रदर्शन किया. इस प्रणाली के प्रदर्शन की पुष्टि चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज द्वारा की गई. इस परीक्षण को डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और सशस्त्र बलों के प्रतिनिधियों ने देखा.
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