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EPFO: 73.87 लाख पीएफ दावों में से 24.93 लाख रद्द, जानिए क्या हैं ख़ास कारण

Updated on: 26 February, 2024 01:03 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

हर तीन में से एक ईपीएफ दावा रद्द हो रहा है, दावे मिलने में देरी और बड़ी संख्या में दावे रद्द होने की कई शिकायतें सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की जा रही हैं.

प्रतिकात्मक तस्वीर

प्रतिकात्मक तस्वीर

की हाइलाइट्स

  1. ऑनलाइन ईपीएओ आवदेनों को किया जा रहा है रद्द
  2. आधार लिंक और केवाईसी पूरी न होना एक अहम वजह
  3. सोशल मीडिया पर शिकायतें कर रहे हैं आवेदक

हर तीन में से एक ईपीएफ दावा रद्द हो रहा है, दावे मिलने में देरी और बड़ी संख्या में दावे रद्द होने की कई शिकायतें सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की जा रही हैं.

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़े सदस्यों को अपने पीएफ दावों को निपटाने में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2017-18 में ईपीएफ फाइनल क्लेम के करीब 13 फीसदी मामले रद्द कर दिए गए थे, जो वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर करीब 34 फीसदी हो गए हैं. यानी हर तीन में से एक ईपीएफ क्लेम रद्द हो रहा है. क्लेम मिलने में देरी और बड़ी संख्या में क्लेम रद्द होने की शिकायतें भी सोशल मीडिया पर की जा रही हैं.


वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 73.87 लाख पीएफ दावे प्राप्त हुए, जिनमें से 24.93 लाख यानी 33.8 फीसदी रद्द कर दिए गए. इस प्रकार तीन में से एक दावा रद्द कर दिया गया. इस दौरान 46.66 लाख दावों का निपटारा किया गया और सदस्यों को राशि दी गयी. 18 लाख दावे लंबित रहे.


यह आंकड़ा साल 2017-18 और 2018-19 में रद्द किए गए दावों से काफी ज्यादा है. उस समय क्रमशः 13 प्रतिशत और 18.2 प्रतिशत दावे खारिज कर दिये गये थे. तब से, 2019-20 में दावा अस्वीकृति दर बढ़कर 24.1 प्रतिशत हो गई है. 2020-21 में यह दर बढ़कर 30.8 फीसदी और 2021-22 में 35.2 फीसदी हो गई.

ऑनलाइन क्लेम सबसे बड़ी समस्या है


ईपीएफओ अधिकारियों का कहना है कि पीएफ दावों के तेजी से खारिज होने का एक बड़ा कारण ऑनलाइन प्रोसेसिंग है. पहले दस्तावेजों को नियोक्ता या कंपनी द्वारा सत्यापित किया जाता था, फिर दस्तावेज ईपीएफओ के पास आते थे. लेकिन, अब पीएफ खाते ऑनलाइन आधार नंबर से लिंक हो गए हैं. 99 फीसदी दावे ऑनलाइन पोर्टल के जरिए किए जा रहे हैं. ऑनलाइन आवेदन में आवेदकों से कुछ गलतियां हो जाती हैं और उनका दावा खारिज हो जाता है.

क्या कहता है EPFO:

ईपीएफओ के मुताबिक, जब पीएफ सेटलमेंट ऑफलाइन होता था तो संगठन की हेल्पडेस्क ऐसे मामलों का निपटारा करती थी, जिससे पीएफ क्लेम जल्दी खारिज नहीं होते थे. अब पीएफ राशि का ऑनलाइन दावा करने में कई कमियां हैं. कभी पीएफ खाताधारक के नाम के अक्षर मेल नहीं खाते तो कभी आधार कार्ड में अलग-अलग जानकारी होती है. जिसके कारण पीएफ क्लेम निपटाने में कई दिक्कतें आ रही हैं.

दावे का निपटान करने में 20 दिन लगते हैं

ईपीएफओ के मुताबिक, सभी दस्तावेजों के साथ सही तरीके से क्लेम फाइल करने पर 20 दिन के अंदर पीएफ खाताधारक को पैसा दे दिया जाता है. ईपीएफओ के पास 27.7 करोड़ खाते हैं और यह लगभग 20 लाख करोड़ रुपये के फंड का प्रबंधन करता है.

दावा दाखिल करते समय बरतें ये सावधानी

  1. गलत या अपूर्ण केवाईसी: यदि आपकी केवाईसी जानकारी अधूरी और वैध नहीं है, तो आपका पीएफ दावा खारिज हो सकता है. इससे बचने के लिए क्लेम दाखिल करने से पहले केवाईसी से जुड़े सभी दस्तावेज अपडेट कर लें.
  2. यूएएन आधार से लिंक नहीं है: आधार और यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) लिंक नहीं होने पर पीएफ दावा खारिज कर दिया जाएगा. ऐसे में सबसे पहले आधार को यूएएन से लिंक करें.
  3. जानकारी में अंतराल : प्रस्तुत दावा विवरण और ईपीएफओ रिकॉर्ड के बीच विसंगति भी दावा अस्वीकृति का कारण बन सकती है. इसलिए, सुनिश्चित करें कि आपका नाम, कंपनी में शामिल होने और छोड़ने की तारीख, बैंक खाते का विवरण आवश्यक है.
  4. गलत बैंक खाता संख्या: गलत बैंक खाता संख्या या आईएफएससी कोड प्रदान करने पर भी दावा खारिज कर दिया जाएगा. राशि प्राप्त करने के लिए खाता सक्रिय होना चाहिए और पीएफ खाते से जुड़ा होना चाहिए.
  5. गलत फॉर्म भरना : कई बार आवेदक गलत फॉर्म भर देते हैं और फिर भी उन्हें रकम नहीं मिल पाती. ध्यान दें कि फॉर्म 19 अंतिम निपटान के लिए है, फॉर्म 10सी पेंशन निकासी के लिए है और फॉर्म 31 आंशिक निकासी के लिए है.

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