कैप्टन सुमित सभरवाल के पिता, जो खुद डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) के पूर्व अधिकारी रह चुके थे, इस घटना से टूट गए थे. (Pics / Atul Kamble)
बता दें, कैप्टन सुमित सभरवाल के दो भतीजे भी कमर्शियल पायलट हैं, और परिवार का विमानन उद्योग से गहरा संबंध रहा है.
कैप्टन सुमित का परिवार भारतीय विमानन क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित परिवार माना जाता था, और उनके निधन ने परिवार और समाज को गहरे आघात पहुंचाया है.
कैप्टन सुमित सभरवाल का करियर बेहद शानदार और सम्मानजनक था. वे एक अनुभवी पायलट थे, जिनके पास लगभग 8,200 घंटों का उड़ान अनुभव था.
विमान क्षेत्र में उनका योगदान अपार था, और वे अपनी पेशेवर क्षमताओं के लिए हमेशा सराहे जाते थे.
उनका व्यक्तित्व भी बहुत प्रभावशाली था, और वे हमेशा यात्रियों की सुरक्षा और उनकी देखभाल को प्राथमिकता देते थे.
वह दिन भी बहुत दुखद था जब उस हादसे में विमान के 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से 241 की जान चली गई थी, जिसमें कैप्टन सुमित भी शामिल थे.
यह हादसा एक काले दिन के रूप में याद किया जाएगा, जिसने न केवल एक परिवार को बल्कि पूरे विमानन समुदाय को शोक में डुबो दिया.
कैप्टन सुमित सभरवाल का निधन भारतीय विमानन उद्योग के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है.
उनकी बहादुरी और पेशेवर दक्षता का कोई मुकाबला नहीं था, और वे अपने साथी पायलटों और कर्मचारियों के लिए एक आदर्श बन गए थे.
उनके योगदान और उनकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी, और उनके परिवार और विमानन समुदाय के लोग उन्हें कभी नहीं भूलेंगे.
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