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Farmers agitation in Nanded: नांदेड़ में किसानों ने विभिन्न मांगों के लिए किया एक दिवसीय धरना आंदोलन

Updated on: 19 June, 2024 09:25 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

आंदोलन के दौरान किसानों की समस्याओं पर आवाज उठाई गई और उनकी मांग थी कि सरकार उनकी मांगों पर तुरंत ध्यान देकर उचित उपाय करे.

सुबह 11 बजे के करीब कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय के सामने एकत्रित हुए. 

सुबह 11 बजे के करीब कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय के सामने एकत्रित हुए. 

Farmers agitation in Nanded: नांदेड़ जिले के किसानों की विभिन्न मांगों के लिए जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से जिलाधिकारी कार्यालय के सामने महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार के विरोध में एक दिवसीय धरना आंदोलन किया गया. इस आंदोलन के दौरान निवासी उपजिलाधिकारी महेश वडदकर को मांगों का ज्ञापन सौंपा गया. आंदोलन के दौरान किसानों की समस्याओं पर आवाज उठाई गई और उनकी मांग थी कि सरकार उनकी मांगों पर तुरंत ध्यान देकर उचित उपाय करे. किसानों के हित के लिए किए गए इस आंदोलन में किसानों की कर्जमाफी, सिंचाई सुविधाएं, बिजली दरों में छूट और अन्य समस्याओं पर चर्चा की गई. आंदोलन में शामिल कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अगर सरकार ने तुरंत किसानों की मांगों पर विचार नहीं किया तो आंदोलन और तीव्र किया जाएगा. इस आंदोलन का नेतृत्व कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष बी. आर. कदम, शहर अध्यक्ष और पूर्व महापौर अब्दुल सत्तार, और कार्याध्यक्ष बालाजी चव्हाण ने किया.  सुबह 11 बजे के करीब कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय के सामने एकत्रित हुए. 


प्रमुख मांगे:


2023-2024 वर्ष का बकाया बीमा तुरंत मंजूर किया जाए
>> किसानों को बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये दिए जाएं
>> आदिवासी क्षेत्रों के किसानों को तारों की बाड़ लगाने के लिए अनुदान दिया जाए
>> कृषि उत्पादों पर जीएसटी खत्म किया जाए
>> किसानों का सूखा राहत अनुदान तुरंत दिया जाए
>> सभी किसानों के बिजली बिल और बकाया कर्ज माफ किए जाएं



आंदोलन के बाद कांग्रेस पार्टी के शिष्टमंडल ने निवासी उपजिलाधिकारी महेश वड्डकर से मुलाकात कर अपने किसानों का ज्ञापन सौंपा. इस समझौते में उन्होंने सभी जिलों के किसानों को 2023-2024 वर्ष का बीमा तुरंत देने, किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये देने, आदिवासी क्षेत्रों के किसानों को सूर्य की बाड़ लगाने के लिए अनुदान देने, कृषि उत्पादों पर गारंटी खत्म करने का वादा किया है. करने के लिए, किसानों को सूखा राहत अनुदान तुरंत देने और सभी किसानों के बिजली बिल और बकाया ऋण माफ करने जैसी शर्तों को शामिल किया गया.

आंदोलन में जिला अध्यक्ष बी. आर. कदम, शहर अध्यक्ष एवं पूर्व महापौर अब्दुल सत्तार, प्रदेश सचिव सुरेन्द्र घोड़जकर, डॉ. श्रवण रपनवाड़, कार्याध्यक्ष बालाजी चव्हाण, राजेश पावड़े, रेखा चव्हाण, डॉ. भगवान मनुरकर, पूर्व जिला परिषद सदस्य प्रल्हाद सोलंके, प्रफुल्ल सावंत, संजय शर्मा, जे. पी. पटेल, गगन यादव, सत्यपाल सावंत, शीतल जोंधले, गोविंद गुंडले सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे.

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