Updated on: 01 April, 2025 04:16 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
सोमवार को ठाणे में एक पर्यावरण-अनुकूल इलेक्ट्रिक साइकिल के शुभारंभ पर बोलते हुए, गडकरी ने बताया कि जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता बोझ डालती है.
फ़ाइल चित्र
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस बात पर जोर दिया है कि लिथियम-आयन बैटरी की घटती लागत से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की कीमत में उल्लेखनीय कमी आएगी, जिससे वे आबादी के बड़े हिस्से के लिए अधिक किफायती हो जाएंगे. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को ठाणे में एक पर्यावरण-अनुकूल इलेक्ट्रिक साइकिल के शुभारंभ पर बोलते हुए, गडकरी ने बताया कि जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता आर्थिक और पर्यावरणीय दोनों तरह से बोझ डालती है, देश ईंधन आयात पर सालाना लगभग 22 लाख करोड़ रुपये खर्च करता है.
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रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने जोर देकर कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों और जैव ईंधन जैसे स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों की ओर बदलाव न केवल पर्यावरणीय कारणों से बल्कि भारत की आर्थिक प्रगति के लिए भी आवश्यक है. बैटरी प्रौद्योगिकी में प्रगति, विशेष रूप से लिथियम-आयन बैटरी की कीमतों में कुछ साल पहले 150 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोवाट घंटे से अब लगभग 100 अमेरिकी डॉलर तक की गिरावट, इलेक्ट्रिक वाहनों की सामर्थ्य को बढ़ा रही है. गडकरी ने कहा कि बैटरी की लागत में और कमी से ईवी की कीमत पारंपरिक पेट्रोल और डीजल वाहनों के बराबर हो जाएगी, जिससे इसे व्यापक रूप से अपनाया जा सकेगा.
उन्होंने कहा, "जब लिथियम की कीमत में गिरावट जारी रहेगी, तो इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत कम हो जाएगी, जिससे वे आम लोगों के लिए सुलभ हो जाएंगे." भविष्य को देखते हुए, गडकरी ने विश्वास व्यक्त किया कि 2030 तक भारत इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन में वैश्विक नेता के रूप में उभरेगा, जो दुनिया भर के ऑटोमोटिव बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत का ऑटोमोबाइल क्षेत्र 2014 से ही जापान को पीछे छोड़कर वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा बन गया है.
मंत्री ने साइकिल चलाने जैसे टिकाऊ शहरी परिवहन समाधानों की आवश्यकता पर भी जोर दिया. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने सुझाव दिया कि साइकिल चलाने को बढ़ावा देने से यातायात की भीड़ और पर्यावरण प्रदूषण की चुनौतियों का समाधान करने में मदद मिल सकती है, साथ ही स्वस्थ जीवन शैली को भी बढ़ावा मिल सकता है.
गडकरी ने भारत के इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बढ़ती निर्यात क्षमता पर भी ध्यान केंद्रित किया, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं. उन्होंने कहा, "भारत के पचास प्रतिशत दोपहिया वाहन अब निर्यात किए जा रहे हैं, और यह निर्यात प्रवृत्ति घरेलू बिक्री से आगे निकल रही है." इसके अलावा, उन्होंने कृषि अपशिष्ट को जैव ईंधन, जैसे जैव-सीएनजी और जैव-विमानन ईंधन में बदलने की सरकार की पहलों की ओर इशारा किया. इस बदलाव का उद्देश्य प्रदूषण को कम करते हुए ग्रामीण आय को बढ़ाना और भारत की ईंधन आयात लागत को कम करना है. मंत्री ने चावल के भूसे को जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए इसे जैव ईंधन में बदलने की वकालत की.
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