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Guru Gobind Singh Jayanti: पूरे देश में आज मनाई जा रही है गुरु गोबिंद सिंह जयंती, उनकी शिक्षाएं करती हैं प्रेरित

Updated on: 17 January, 2024 02:02 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

गुरु गोबिंद सिंह जयंती इस साल 17 जनवरी को है. गुरु गोबिंद सिंह जयंती के अवसर पर दुनिया भर में लाखों सिख दसवें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती मनाते हैं. समर्पण और श्रद्धा से परिभाषित यह दिन सिख धर्म में बेहद महत्वपूर्ण है.

प्रतिनिधि तस्वीर/फ़ाइल/एएफपी

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गुरु गोबिंद सिंह जयंती इस साल 17 जनवरी को है. इस दिन दुनिया भर में लाखों सिख दसवें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती मनाते हैं. समर्पण और श्रद्धा से परिभाषित यह दिन सिख धर्म में बेहद महत्वपूर्ण है. गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2024 पर यहां इस दिन का इतिहास और महत्व बताया गया है.

गुरु गोबिंद सिंह को सिख धर्म में उनके गहन योगदान और सिख समुदाय को आकार देने में उनकी भूमिका के लिए याद किया जाता है. उनकी शिक्षाएं दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करती रहती हैं.


गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षाओं के सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक समानता, न्याय और निस्वार्थता पर उनका जोर है. उन्होंने पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना सभी लोगों के अधिकारों और सम्मान के लिए बहस करते हुए अन्याय और अत्याचार का विरोध किया.


गुरु को खालसा पंथ की स्थापना के लिए भी जाना जाता है, जो दीक्षित सिखों का एक समूह है जो सख्त आचरण संहिता का पालन करता है. गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पहचान की उत्पत्ति का प्रतिनिधित्व करते हुए, 1699 में वैसाखी दिवस पर पहले पांच खालसा सदस्यों को दीक्षा दी.

सिख गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर गुरुद्वारों में प्रार्थना करने, भक्ति गीत गाने और धार्मिक प्रवचन सुनने के लिए एकत्र होते हैं. इस दिन की विशेषता समुदाय की भावना है, जिसमें लंगर (सामुदायिक रसोई) सेवाएं जाति, पंथ या धर्म की परवाह किए बिना सभी को मुफ्त भोजन प्रदान करती हैं.


गुरु गोबिंद सिंह जयंती का महत्व सिख धर्म से परे है, जिसमें सभी पृष्ठभूमि के लोग उत्सव में भाग लेते हैं. यह दिन साहस, करुणा और न्याय के गुणों की याद दिलाता है. “चिड़ियों से मैं बाज लडाऊं , गीदड़ों को मैं शेर बनाऊं! सवा लाख से एक लड़ाऊं तभी गोबिंद सिंह नाम कहाउं!!” लाइन से ही हम उन्हें जान सकते हैं.

उत्सव के हिस्से के रूप में, नगर कीर्तन होते हैं, जिसमें भक्त भजन गाते हैं. गुरु ग्रंथ साहिब (सिख धर्म का पवित्र ग्रंथ) ले जाते हैं और समृद्ध सिख संस्कृति का प्रदर्शन करते हैं. इन जुलूसों में अक्सर शानदार मार्शल आर्ट का प्रदर्शन होता है जिसे गतका के नाम से जाना जाता है, जो गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा स्थापित मार्शल भावना को दर्शाता है. गुरु गोबिंद सिंह जयंती सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है.

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