Updated on: 18 February, 2025 10:08 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
पुलिस के अनुसार, जाधव ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी के साथ अभद्र व्यवहार किया और फिर शारीरिक रूप से हमला कर दिया था.
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महाराष्ट्र के चर्चित नेता और पूर्व विधायक हर्षवर्धन जाधव को 2014 में एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट के मामले में कोर्ट के आदेश पर गिरफ्तार किया गया है. यह मामला तब सामने आया जब जाधव पर आठ साल पुराने एक केस में वॉरंट जारी किया गया था, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. हालांकि, गिरफ्तारी के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके चलते उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बता दें, यह घटना 2014 की है, जब हर्षवर्धन जाधव पर आरोप लगा था कि उन्होंने एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट और बदसलूकी की थी. घटना के समय वे अचलपुर विधानसभा सीट से विधायक थे और एक सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस दौरान एक विवाद हुआ, जिसने तूल पकड़ लिया और बात हाथापाई तक पहुंच गई.
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पुलिस के अनुसार, जाधव ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी के साथ अभद्र व्यवहार किया और फिर शारीरिक रूप से हमला कर दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन मामला कई वर्षों तक लंबित रहा.
इस केस में कई सालों तक सुनवाई चलती रही, लेकिन जाधव कोर्ट में पेश नहीं हुए. नतीजतन, कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी कर दिया. इसके बाद, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद जाधव ने सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की. शुरुआती जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी. फिलहाल, उनकी मेडिकल जांच की जा रही है और डॉक्टरों की एक टीम उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए है.
हर्षवर्धन जाधव की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. कुछ लोग इसे राजनीतिक प्रतिशोध मान रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि यह कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है. जाधव को लेकर उनके समर्थकों और विरोधियों के बीच बहस छिड़ गई है.
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट इस मामले में आगे क्या फैसला सुनाती है और जाधव की सेहत पर इसका क्या असर पड़ता है. फिलहाल, उनकी गिरफ्तारी और अस्पताल में भर्ती होने की खबर ने राजनीति और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बना दिया है.
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