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मनोज जरांगे ने छगन भुजबल पर लगाया मराठा समुदाय के खिलाफ नफरत रखने का आरोप

Updated on: 10 July, 2024 09:00 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

महाराष्ट्र के धाराशिव में एक रैली को संबोधित करते हुए मनोज जरांगे ने चेतावनी दी कि अगर एक भी कुनबी साक्ष्य रद्द किया गया तो पूरे राज्य में सड़क जाम कर दिया जाएगा.

मनोज जरांगे. फ़ाइल चित्र

मनोज जरांगे. फ़ाइल चित्र

मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार को महाराष्ट्र के मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल पर मराठा समुदाय के खिलाफ नफरत रखने का आरोप लगाया और कहा कि यही कारण है कि वह राज्य में कुनबी साक्ष्य रद्द करने की मांग कर रहे हैं. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के धाराशिव में एक रैली को संबोधित करते हुए मनोज जरांगे ने चेतावनी दी कि अगर एक भी कुनबी साक्ष्य रद्द किया गया तो पूरे राज्य में सड़क जाम कर दिया जाएगा. 

रिपोर्ट के मुताबिक मनोज जरांगे ने कहा, "जबकि महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल हिंसा चाहते हैं, मराठा समुदाय को राज्य में शांतिपूर्ण रैलियां करनी चाहिए. मराठा समुदाय को आरक्षण की चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि हम इसे ले लेंगे." समाचार एजेंसी ने बुधवार को बताया, "छगन भुजबल मराठा समुदाय से नफरत करते हैं. उन्होंने ओबीसी नेताओं को एक साथ लाया और मांग की कि कुनबी अभिलेख, जो सदियों पुराने हैं, रद्द किए जाने चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं किया जा सकता है." मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से आरक्षण के मुद्दे पर भुजबल से बात करने का आग्रह किया.


उन्होंने कहा, "यदि मराठों का एक भी साक्ष्य रद्द किया जाता है, तो आपके (सत्तारूढ़ महायुति के) 288 उम्मीदवार (आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में) हार जाएंगे. उन्हें इस मुद्दे पर भुजबल से बात करनी चाहिए, क्योंकि वह उनकी सरकार में मंत्री हैं." रिपोर्ट के अनुसार कार्यकर्ता ने मराठा समुदाय के सदस्यों से अपील की कि यदि वे संकट में हैं तो वे उनके साथ खड़े हों और एकजुट रहें. उन्होंने कहा, "धनी मराठा नेताओं को आरक्षण की आवश्यकता नहीं हो सकती है, लेकिन राजनीतिक दलों में काम करने वाले समुदाय के गरीब लोगों को कोटा की आवश्यकता है. एक भी कुनबी साक्ष्य रद्द नहीं किया जाना चाहिए. हमें इसके लिए राज्य में सड़क जाम करने की आवश्यकता है."


महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को मुंबई में एक सर्वदलीय बैठक में मराठा कोटा पर आम सहमति बनाने पर जोर दिया और कहा कि भावनात्मक मुद्दे को हल करते समय, अन्य समुदायों के मौजूदा कोटे से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. रिपोर्ट के मुताबिक उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा कि शिंदे ने बैठक में राजनीतिक दलों के नेताओं की राय सुनी और मराठा आरक्षण के मुद्दे पर उचित निर्णय लेने का वादा किया. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि बैठक में "ऋषि सोयारे" (रक्त संबंधियों) को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने के विवादास्पद मुद्दे पर भी चर्चा की गई.


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