Updated on: 21 May, 2025 12:15 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
महाराष्ट्र सरकार ने ओला-उबर जैसी कैब सेवाओं के लिए नई नीति लागू की है. अब ड्राइवर या यात्री, दोनों में से कोई भी यात्रा रद्द करता है तो जुर्माना लगेगा.
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महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को एग्रीगेटर कैब सेवाओं जैसे ओला और उबर के लिए एक नई नीति की घोषणा की है, जो अब पूरे राज्य में लागू होगी. इस सरकारी आदेश (जीआर) के माध्यम से सरकार ने यात्रियों और ड्राइवरों दोनों के लिए यात्रा रद्द करने की स्थिति में दंडात्मक प्रावधान लागू किए हैं. यह निर्णय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद जारी किया गया है, जिसका उद्देश्य कैब सेवा के संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है.
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नई नीति के अनुसार, यदि कोई ड्राइवर किसी यात्रा को ऐप पर स्वीकार करने के बाद उसे रद्द करता है, तो उसे कुल किराए का 10 प्रतिशत या ₹100 (जो भी राशि कम हो) का जुर्माना देना होगा. यह राशि यात्री के डिजिटल वॉलेट या खाते में जमा की जाएगी ताकि उसे असुविधा के लिए मुआवजा मिल सके.
वहीं दूसरी ओर, यदि कोई यात्री बिना किसी ठोस कारण के यात्रा बुक करने के बाद उसे रद्द करता है, तो उसे कुल किराए का 5 प्रतिशत या ₹50 (जो भी कम हो) का जुर्माना देना होगा. यह जुर्माना सीधे संबंधित ड्राइवर के खाते में जमा किया जाएगा, जिससे उसे समय की बर्बादी के लिए क्षतिपूर्ति मिल सके.
सरकार का मानना है कि इन प्रावधानों से न केवल ड्राइवरों की समय की बर्बादी रुकेगी बल्कि यात्रियों की ओर से की जाने वाली अनावश्यक बुकिंग में भी कमी आएगी. साथ ही, इससे कैब सेवाओं की विश्वसनीयता में भी सुधार होगा.
नई गाइडलाइंस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जुर्माने की यह राशि पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से लेनदेन की जाएगी और इसमें किसी भी प्रकार की धांधली की संभावना को समाप्त किया जाएगा. नीति का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए राज्य परिवहन विभाग और आरटीओ कार्यालय निगरानी करेंगे.
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यह नीति सभी एग्रीगेटर कैब सेवाओं पर लागू होगी और इससे यात्रियों और ड्राइवरों के बीच संतुलन स्थापित करने में मदद मिलेगी.
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