Updated on: 20 September, 2024 09:57 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
डॉक्टरों की एक टीम ने कल दिन में तीन बार उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया, लेकिन उन्होंने इलाज लेने से इनकार कर दिया.
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मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे मनोज जारांगे पाटिल ने एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल शुरू की है. आज उनके अनशन का चौथा दिन है और उनकी हालत तेजी से बिगड़ रही है. जारांगे पाटिल मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि मराठा समुदाय के लोगों को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण मिलना चाहिए ताकि वे सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें.
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जारांगे पाटिल की सेहत बिगड़ने के बावजूद उन्होंने चिकित्सा सहायता लेने से मना कर दिया है. डॉक्टरों की एक टीम ने कल दिन में तीन बार उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया, लेकिन उन्होंने इलाज लेने से इनकार कर दिया. जिला परिषद के जिला स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम ने भी जारांगे का दौरा किया और उन्हें इलाज कराने का अनुरोध किया, लेकिन जारांगे ने साफ मना कर दिया. उनकी इस स्थिति को देखते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी जयश्री भुसारे ने कहा कि जारांगे की हालत गंभीर है और उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है.
मनोज जारांगे के इस कदम के बाद राज्य सरकार और प्रशासन पर भी दबाव बढ़ गया है. मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राज्य में पहले भी बड़े पैमाने पर आंदोलन हुए हैं, और जारांगे पाटिल की भूख हड़ताल से यह मुद्दा फिर से सुर्खियों में आ गया है. मराठा समुदाय के लोग बड़ी संख्या में जारांगे का समर्थन कर रहे हैं और राज्य सरकार से इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं.
जारांगे पाटिल का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, तब तक वे अपना अनशन जारी रखेंगे. इस बीच, कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने भी जारांगे के आंदोलन का समर्थन किया है. राज्य सरकार की ओर से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक बैठक भी बुलाई गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है.
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