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मराठी वर्सेज कन्नड़? कर्नाटक शांतिपूर्ण तरीके से रहा बंद, पुलिस ने रखी कड़ी सुरक्षा

Updated on: 23 March, 2025 06:02 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

सुरक्षा के व्यापक इंतजामों के साथ पुलिस ने सुनिश्चित किया कि बंद के दौरान कोई अप्रिय घटना न घटे.

शनिवार को बेंगलुरु में बंद के दौरान टाउन हॉल में कन्नड़ समर्थक को हिरासत में लेते पुलिसकर्मी. फोटो/पीटीआई

शनिवार को बेंगलुरु में बंद के दौरान टाउन हॉल में कन्नड़ समर्थक को हिरासत में लेते पुलिसकर्मी. फोटो/पीटीआई

पिछले महीने बेलगावी में मराठी न समझ पाने के कारण सरकारी बस कंडक्टर पर कथित हमले के विरोध में कन्नड़ समर्थक समूहों द्वारा आहूत 12 घंटे का कर्नाटक बंद शनिवार को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा के व्यापक इंतजामों के साथ पुलिस ने सुनिश्चित किया कि बंद के दौरान कोई अप्रिय घटना न घटे.

रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक बंद से पहले राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का अनुरोध किया और चेतावनी दी कि कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने या तोड़फोड़ करने के किसी भी प्रयास से सख्ती से निपटा जाएगा. कन्नड़ समर्थक समूहों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया और दुकानदारों को कर्नाटक बंद का समर्थन करने के लिए राजी किया. हालांकि, अधिकांश दुकानें हमेशा की तरह खुली रहीं. बेंगलुरु में कार्यकर्ता मैसूर बैंक सर्किल पर एकत्र हुए और नारे लगाए तथा तख्तियां थामे रहे.


कुछ प्रदर्शनकारियों ने मैजेस्टिक में बस स्टैंड पर विरोध प्रदर्शन किया और बस चालकों तथा कंडक्टरों से बंद का समर्थन करने का आग्रह किया. जैसे ही उनका आंदोलन तेज हुआ, पुलिस ने उन्हें एहतियातन हिरासत में ले लिया. रिपोर्ट के अनुसार आंदोलन का नेतृत्व करते हुए कन्नड़ चालावली (वाताल पक्ष) के संयोजक वाताल नागराज ने मैजेस्टिक में प्रदर्शन किया. उन्होंने बंद को "सफल" करार देते हुए दावा किया कि बस स्टैंड खाली थे, कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दी थीं और कई ऑटोरिक्शा चालक सड़कों से नदारद रहे. नागराज ने बताया कि उन्होंने सरकार और लोगों दोनों को समझाया था कि उनके संगठन ने बंद का आह्वान क्यों किया था. उन्होंने आगे दावा किया कि शुक्रवार रात को ही 3,000 से अधिक कन्नड़ कार्यकर्ताओं को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया था.


कन्नड़ फिल्म निर्माता सा रा गोविंदू के साथ टाउन हॉल में अपना विरोध प्रदर्शन शुरू करने पर नागराज को भी हिरासत में लिया गया. रिपोर्ट के मुताबिक मैसूर में, कुछ कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं ने उपनगरीय बस स्टैंड पर बसों को रोककर धरना दिया. उन्होंने बसों को बेंगलुरु और राज्य के अन्य हिस्सों में जाने से रोकने के लिए निकास द्वार के पास धरना दिया.

मैसूर में केएसआरटीसी की बस को रोकने का प्रयास करने के बाद कई कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं को एहतियातन हिरासत में लिया गया. दावणगेरे में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन हुआ, जहां प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया. बेलगावी के सूत्रों ने बताया कि केएसआरटीसी की बसें सामान्य रूप से चल रही हैं, लेकिन महाराष्ट्र से उत्तरी कर्नाटक के इस सीमावर्ती शहर में बसों की आवाजाही प्रतिबंधित है, क्योंकि यह भाषाई विवाद के केंद्र में है.


बालेकुंडरी में एक बस कंडक्टर पर हमले के अलावा, बेलगावी के किनाये गांव में पंचायत अधिकारियों को मराठी न बोलने के लिए गाली दी गई. महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित बेलगावी में मराठी भाषी आबादी काफी है, और सीमा विवाद समय-समय पर भड़कता रहता है. दोनों घटनाओं के आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है. पूरे राज्य में व्यापक सुरक्षा उपाय लागू किए गए थे, वरिष्ठ अधिकारी किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे थे.

अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न जिलों में पुलिस ने एहतियात के तौर पर सिटी आर्म्ड रिजर्व इकाइयों के साथ होमगार्ड को तैनात किया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बंद शांतिपूर्ण रहे और लोगों को असुविधा न हो. बेंगलुरू के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने बंद में भाग लेने के लिए लोगों को मजबूर करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी.

उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर बेंगलुरू में कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस की 60 टुकड़ियाँ, 1,200 होमगार्ड और पूरा नागरिक और यातायात पुलिस बल तैनात किया गया है. कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने लोगों से शांति बनाए रखने और कानून का पालन करने का आग्रह किया. उन्होंने शुक्रवार को कहा, "हम राज्य के हितों की रक्षा करेंगे. सभी को शांति बनाए रखनी चाहिए और कानून का पालन करना चाहिए. हालांकि, मुझे लगता है कि बंद की कोई ज़रूरत नहीं है."

बेंगलुरू के डिप्टी कमिश्नर जगदीश जी के अनुसार, स्कूलों और कॉलेजों के लिए कोई छुट्टी घोषित नहीं की गई है. 28 फरवरी को, कन्नड़ समर्थक विभिन्न समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक छत्र संगठन कन्नड़ ओक्कुटा ने 22 मार्च को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक राज्यव्यापी बंद की घोषणा की. कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) और बेंगलुरू महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) जैसे राज्य के स्वामित्व वाले सार्वजनिक परिवहन निगम बड़े पैमाने पर चालू रहे.कुछ ऑटोरिक्शा, कैब और निजी परिवहन यूनियनों ने बंद का समर्थन किया, जबकि होटल एसोसिएशन, मॉल, बार और रेस्तरां सहित अन्य ने बंद से दूर रहने का फैसला किया और केवल "नैतिक समर्थन" दिया. इस बीच, फ़ार्मेसी, अस्पताल, एम्बुलेंस, पेट्रोल पंप और मेट्रो सेवाओं सहित आवश्यक सेवाएँ बंद के दौरान भी चलती रहीं.

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