Updated on: 01 July, 2024 05:05 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
अंग्रेजों के समय से चली आ रही कानून व्यवस्था अब गुजरे वक्त की बात होने वाली है. 1 जुलाई से कानून व्यवस्था में कुछ खास बदलाव होने वाले हैं. आज से नए कानून तहत ही केस दर्ज होने लगे हैं.
प्रतिकात्मक तस्वीर
New Law and Order: अंग्रेजों के समय से चली आ रही कानून व्यवस्था अब गुजरे वक्त की बात होने वाली है. 1 जुलाई से कानून व्यवस्था में कुछ खास बदलाव होने वाले हैं. आज से नए कानून तहत ही केस दर्ज होने लगे हैं.
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धाराओं में हुए बदलाव
भारतीय न्याय संहिता (BNS) में कुछ 358 धाराएं लगी हैं. 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है. 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है. छह अपराधों में सामुदायिक सेवा का प्रवधान किया गया है. इस अधिनियम में 19 धाराएं निरस्त करके हटा दी गई हैं. 8 नई धाराएं जोड़ी गई हैं.
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में कुल 531 धाराएं हैं. सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं. BNSS में कुल 177 प्रावधान पहले गए हैं. इसमें 9 नई धाराओं के साथ 39 नई उपधाराएं भी जोड़ी गई हैं. 44 नए प्रावधान और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं. 35 सेक्शन में समय सीमा जोडी गई हैं.
इन धाराओं को लेकर हुए बदलाव
ये बदलाव भी शामिल
नए कानून में राजद्रोह को नया शब्द देशद्रोह मिला है. आईपीसी की धारा 124A में राजद्रोह का कानून है. इसके साथ ही 15 साल से कम उम्र के बच्चों और 60 साल से अधिक आयु के लोगों की जरूरत नहीं है. पुलिस रेप जैसे गंभीर मामलों में ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग कराने की जरूरत है. महिला और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों के पीड़ितों का अस्पतालों में मुफ्त इलाज होगा.
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