Updated on: 05 May, 2025 09:54 AM IST | Mumbai
Samiullah Khan
मुंबई के गोरेगांव पुलिस स्टेशन की महिला कांस्टेबल ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से एक 6 वर्षीय गुमशुदा बच्चे को उसके माता-पिता से मिलवाया.
कांस्टेबल ज्योति पवार, जिन्होंने सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से लड़के के परिवार का पता लगाया; (दाएं) 6 साल का लड़का जो एक मेला देखने के लिए भटक गया और खो गया.
गोरेगांव पुलिस स्टेशन से जुड़ी एक महिला पुलिस कांस्टेबल ने शनिवार देर रात अपने परिवार से बिछड़े छह वर्षीय बच्चे के माता-पिता का पता लगाया. सीसीटीवी फुटेज का इस्तेमाल करते हुए, उसने तलाशी अभियान शुरू किया और रविवार दोपहर तक बच्चे को उसके परिवार से मिला दिया. पुलिस सूत्रों के अनुसार, लड़का भगत सिंह नगर नंबर 2 का रहने वाला है. उसका परिवार फुटपाथ पर रहता है और दिहाड़ी मजदूरी करके अपना गुजारा करता है.
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“उसने किसी को करीब एक किलोमीटर दूर आजाद मैदान में मेले के बारे में बात करते हुए सुना और अपने परिवार को बताए बिना अकेले ही मेले में जाने का फैसला किया. उत्सुक और दूरी से अनजान, लड़का भटक गया और आखिरकार अपना रास्ता खो दिया. रविवार की सुबह-सुबह पुलिस की गश्ती टीम ने उसे आजाद मैदान के पास रोते और अकेले पाया,” गोरेगांव पुलिस स्टेशन के एक सूत्र ने बताया.
गश्ती टीम ने बच्चे को परेशान हालत में पाया. जब उससे पूछताछ की गई, तो वह केवल अपना नाम याद कर पाया और अपना पता बताने में असमर्थ था. अधिकारियों ने उसे सांत्वना दी और थाने ले आए, जहां उसे पीएसआई सूर्यभान घोलप को सौंप दिया गया. इसके बाद मामले को गुमशुदा व्यक्तियों के विभाग की महिला कांस्टेबल ज्योति पवार को सौंप दिया गया. पवार ने कहा, "लड़का रोते हुए सो गया था, इसलिए हमने उसके जागने का इंतजार किया. जब उससे पूछा गया, तो वह केवल अपना नाम बता सका. उसे नहीं पता था कि वह कहां रहता है." डीसीपी आनंद कुमार भोइते के मार्गदर्शन और वरिष्ठ निरीक्षक ऋषिकेश पवल के निर्देश पर जांच शुरू हुई. पवार और उनकी टीम ने रिवर्स-ट्रैकिंग ऑपरेशन के तहत 35 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की समीक्षा की, जिसमें लड़के की हरकतों का पता भगत सिंह नगर में लगाया गया. उन्होंने कहा, "आश्चर्यजनक रूप से, परिवार को पता ही नहीं चला कि लड़का गायब है. इससे पहले कि वे उसकी अनुपस्थिति का पता लगा पाते, हमने उन्हें पहले ही ढूंढ लिया था और बच्चे के साथ पहुंच गए थे." परिवार को सत्यापन के लिए थाने लाया गया और वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में दोपहर तक लड़का उनके पास पहुंच गया. कांस्टेबल पवार पिछले साढ़े चार साल से गोरेगांव पुलिस स्टेशन में तैनात हैं और ढाई साल से गुमशुदा व्यक्तियों के विभाग में काम कर रही हैं. उन्होंने मिड-डे को बताया कि इस दौरान उनकी टीम ने न केवल महाराष्ट्र से बल्कि अन्य राज्यों से भी 100 से अधिक गुमशुदा पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को सफलतापूर्वक ढूंढकर उनके परिजनों से मिलवाया है. एसीपी हेमंत सावंत ने मिड-डे से पुष्टि की कि बच्चा सुरक्षित रूप से अपने परिवार से मिल गया है और उन्होंने पुलिस टीम, खासकर कांस्टेबल ज्योति पवार के समर्पण की प्रशंसा की.
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