Updated on: 24 July, 2025 09:50 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
बिहार में वोटर लिस्ट से 52 लाख नाम हटने को लेकर RJD नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग और मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
X/Pics, Tejashwi Yadav
बिहार में मतदाता सूची से 52 लाख नाम हटने को लेकर राजनीतिक भूचाल मच गया है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग और केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने इस प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
समाचार एजेंसी ANI को दिए एक साक्षात्कार में तेजस्वी यादव ने कहा कि हाल ही में चुनाव आयोग द्वारा जारी प्रेस नोट में यह बताया गया है कि लगभग 52 लाख मतदाता सूची से अनुपस्थित पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक आंकड़ा बताने की औपचारिकता नहीं, बल्कि एक सुनियोजित प्रक्रिया का हिस्सा लगता है. उनके अनुसार, “हम इस प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं क्योंकि इसमें पारदर्शिता का पूरी तरह से अभाव रहा है.”
#WATCH पटना: बिहार में 52 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटने पर RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "कल चुनाव आयोग के प्रेस नोट में हमने देखा है कि 52 लाख के करीब लोग अनुपस्थित पाए गए हैं। हम इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं। BLO खुद ही दस्तखत कर खुद ही अपलोड कर रहे हैं तो… pic.twitter.com/eXiX9HypfD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 23, 2025
तेजस्वी यादव ने बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि “BLO खुद ही दस्तखत कर रहे हैं और खुद ही दस्तावेज़ अपलोड कर रहे हैं. यह सीधे तौर पर पारदर्शिता का उल्लंघन है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ है.” उन्होंने आगे कहा कि बहुत से लोगों के पास आवश्यक दस्तावेज़ नहीं हैं, जिसके चलते उनका नाम सूची से हटा दिया गया है.
तेजस्वी यादव ने इस पूरे मामले को गरीबों और वंचित वर्गों के खिलाफ साजिश बताते हुए कहा, “लोगों के मन में यह डर बैठ गया है कि अगर उनका नाम वोटर लिस्ट से हट गया, तो उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा. यह केवल मताधिकार पर हमला नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय पर भी हमला है.”
अपने तीखे बयान में उन्होंने कहा, “पहले जनता सरकार को चुनती थी, अब सरकार यह तय कर रही है कि कौन वोटर रहेगा और कौन नहीं. यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक संकेत हैं.”
तेजस्वी ने चुनाव आयोग से अपील की है कि वह इस प्रक्रिया की उच्चस्तरीय जांच कराए और यह सुनिश्चित करे कि किसी भी पात्र नागरिक का नाम सूची से न हटे. साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों और नागरिक संगठनों से भी इस मुद्दे पर आवाज उठाने का आह्वान किया.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT