Updated on: 23 July, 2025 03:53 PM IST | Mumbai
Rajendra B. Aklekar
यह हर महीने चार से पाँच रेकों के ज़रिए औसतन 100 डिब्बों का परिवहन करता है.
जोगेश्वरी माल शेड से कुल 17 ऑटोमोबाइल ट्रेनें रवाना की.
अधिकारियों ने बताया कि जोगेश्वरी टर्मिनस ने भारतीय रेलवे के ऑटोमोबाइल लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाई है. यह हर महीने चार से पाँच रेकों के ज़रिए औसतन 100 डिब्बों का परिवहन करता है. 21 जुलाई, 2025 तक, जोगेश्वरी माल शेड से कुल 17 ऑटोमोबाइल-वाहक ट्रेनें सफलतापूर्वक रवाना की जा चुकी हैं.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ये रेल मालगाड़ियाँ फतुहा, रायपुर स्टोर डिपो, बैहाटा और कपिलास रोड जैसे प्रमुख गंतव्यों तक पहुँच चुकी हैं. कार रेकों की निरंतर आवाजाही से सामूहिक रूप से 2.66 करोड़ रुपये की माल ढुलाई आय हुई है, जो कुशल और भरोसेमंद परिवहन के लिए भारतीय रेलवे पर ऑटोमोटिव उद्योग की बढ़ती निर्भरता को दर्शाता है.
सड़क परिवहन के बजाय रेल परिवहन को चुनने से कई रणनीतिक लाभ हुए हैं. प्रत्येक ट्रेन की आवाजाही से लगभग 40 घंटे का पारगमन समय बचता है, परिचालन दक्षता बढ़ती है और सीमित वितरण समय-सारिणी पूरी होती है. इसके अलावा, प्रत्येक रेक लगभग 450 लीटर ईंधन बचाने में मदद करता है, जिससे लागत बचत और पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान मिलता है.
भारतीय रेलवे माल परिवहन के सबसे सुरक्षित साधनों में से एक है, और अब तक किसी भी उच्च-मूल्य वाली ऑटोमोबाइल खेप को कोई नुकसान नहीं पहुँचा है. विश्वसनीयता, समयबद्धता और पर्यावरण-अनुकूल संचालन का संयोजन, भारतीय रेलवे को भारत के बढ़ते माल ढुलाई पारिस्थितिकी तंत्र में एक पसंदीदा लॉजिस्टिक्स भागीदार के रूप में स्थापित करता है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT