Updated on: 21 May, 2024 11:15 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
पुणे पोर्श कार केस: पुणे में हुआ पोर्श कार केस की घटना इन दिनों चर्चा में है. इस घटना में शहर के बिल्डर के नाबालिग बेटे ने पोर्श कार से बाइक सवार युवक युवती को कुचल दिया, हादसे में दोनों की मौके पर मौत हो गई. घटना के बाद बिल्डर के बेटे को अरेस्ट तो किया गया लेकिन 14 घंटे बाद उसे नाबालिग होने पर कोर्ट से कुछ शर्तों पर जमानत भी मिल गई थी.
प्रतिकात्मक तस्वीर
पुणे पोर्श कार केस: पुणे में हुआ पोर्श कार केस की घटना इन दिनों चर्चा में है. इस घटना में शहर के बिल्डर के नाबालिग बेटे ने पोर्श कार से बाइक सवार युवक युवती को कुचल दिया, हादसे में दोनों की मौके पर मौत हो गई. घटना के बाद बिल्डर के बेटे को अरेस्ट तो किया गया लेकिन 14 घंटे बाद उसे नाबालिग होने पर कोर्ट से कुछ शर्तों पर जमानत भी मिल गई. इस घटना पर पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुणे के इस किशोर पर वयस्क की तरह ही मुकदमा चलाया जाना चाहिए, इसके लिए ऊपरी अदालत से अनुमति मांगी है.
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हादसे में दो लोगों की मौत
दरअसल, 19 मई को तड़के सुबह पुणे के कल्याणी नगर इलाके में एक रियल एस्टेटे डेवलपर के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार युवक-युवती को कुचल दिया. इससे दोनों की मौत हो गई. दोनों 24 साल के थे और आईटी सेक्टर में काम करते थे.
वयस्क की तरह मुकदमें की मांग
नाबालिग को हत्या के आरोप में गिरफ्तार तो किया गया लेकिन उसे बाद में जमानत मिल गई. अब पुलिस फिर एक्शन मोड में आई है और औरंगाबाद जिले से आरोपी नाबालिग लड़के के पिता विशाल अग्रवाल को छत्रपति संभाजी नगर से गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ वयस्क की तरह ही मुकदमा चलाए जाने की मांग की है.
पिता को मालूम था कि बेटा कैसा है
खबरों का मानें तो इस नाबालिग को जेल में भी वीआईपी सुविधाएं मिल रही थीं, उसका बर्गर खाने का मन हुआ तो जेल में बर्गर भी मंगाया गया था. नाबालिग ने पुलिस पूछताछ में यह भी बताया था कि उसके पिता को पता था कि वह रोज़ पब में जाता है, ड्रिंक करता है और यही उसकी लाइफस्टाइल है. आरोपी नाबालिग था, इसलिए उसके पास कोई ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था. हादसे के समय भी बिल्डर का बेटा नशे में था.
पिता के नाम पर रजिस्टर है कार
पुलिस जांच में बात सामने आई है कि लड़के के पास ड्राइविंग लाइसंस नहीं था, साथ ही कार भी उसके पिता के नाम पर रजिस्टर थी. साथ ही कार पर नंबर प्लेट नहीं थी. पोर्श कार में आरोपी के अलावा दो और लोग सवार थे. इन सभी को 14 घंटे तक जेल में रखा गया और फिर जमानत मिल गई.
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