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मराठा आरक्षण पर बोले रामदास अठावले– `गरीब मराठा समुदाय को मिले अधिकार, ओबीसी के साथ न हो अन्याय`

Updated on: 02 September, 2025 09:56 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि गरीब मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए, लेकिन ओबीसी समाज के अधिकारों से समझौता नहीं होना चाहिए.

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मुंबई में मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने राज्य सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील की है. बांद्रा स्थित अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अठावले ने कहा कि गरीब मराठा समुदाय को आरक्षण का अधिकार दिया जाना चाहिए, लेकिन यह सुनिश्चित करना भी उतना ही ज़रूरी है कि इस प्रक्रिया में ओबीसी समाज के साथ अन्याय न हो.

अठावले ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार पहले ही गरीब मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का कानून बना चुकी है और शिक्षा एवं नौकरियों में मराठा समाज इस लाभ का उपयोग कर रहा है. बावजूद इसके, आरक्षण के मुद्दे को लेकर समुदाय में असंतोष बढ़ रहा है और मनोज जारंगे पाटिल का उग्र आंदोलन लगातार जारी है. उन्होंने सरकार से अपील की कि मराठा आरक्षण पर संवैधानिक और कानूनी रूप से टिकाऊ समाधान तुरंत निकाला जाए, ताकि अदालत में यह व्यवस्था मान्य हो और समुदाय को वास्तविक सामाजिक न्याय मिल सके.


अठावले ने कहा कि ओबीसी समाज पहले से ही अपनी जनसंख्या के अनुपात में कम आरक्षण प्राप्त कर रहा है. ऐसे में ओबीसी कोटे से मराठा समुदाय को आरक्षण देना अन्याय होगा और इसका कड़ा विरोध होना तय है. उन्होंने सुझाव दिया कि जिन मराठाओं का "कुनबी" के रूप में पंजीकरण हुआ है, उन्हें कुनबी आधार पर आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए. इसके लिए राज्य सरकार को सतारा और हैदराबाद राजपत्रों का अध्ययन करना होगा और दस्तावेजों के आधार पर ठोस निर्णय लेना होगा.


अठावले ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से हुई मुलाकात का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं वर्षा बंगले पर जाकर मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि गरीब मराठा समुदाय के लिए शीघ्र कोई रास्ता निकाला जाए. साथ ही, उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि सरकार की पहल से मनोज जारंगे पाटिल अपनी भूख हड़ताल समाप्त करेंगे और आंदोलन का शांतिपूर्ण समाधान निकल पाएगा.

रामदास अठावले ने अंत में दोहराया कि उनका और उनकी पार्टी का स्पष्ट पक्ष है — गरीब मराठा समाज को आरक्षण अवश्य मिलना चाहिए, लेकिन ओबीसी समाज के अधिकारों से कोई समझौता नहीं होना चाहिए.


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