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सुप्रीम कोर्ट का डॉग लवर्स को निर्देश, कहा- `जमा करें पैसा, बुनियादी ढांचे के लिए होगा इस्तेमाल`

Updated on: 22 August, 2025 04:35 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ ने कहा कि इस धनराशि का उपयोग संबंधित नगर निकायों की देखरेख में सुविधाओं के विकास के लिए किया जाएगा.

फ़ाइल चित्र

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आवारा कुत्तों के स्थायी पुनर्वास को चुनौती देने वाले कुत्ता प्रेमियों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को मामले की सुनवाई से पहले एक हफ्ते के भीतर क्रमशः 25,000 रुपये और 2 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ ने कहा कि इस धनराशि का उपयोग संबंधित नगर निकायों की देखरेख में आवारा कुत्तों के लिए बुनियादी ढाँचे और सुविधाओं के विकास के लिए किया जाएगा. पीठ ने कहा, "इस अदालत का रुख करने वाले प्रत्येक कुत्ता प्रेमी और प्रत्येक एनजीओ को सात दिनों के भीतर इस अदालत की रजिस्ट्री में क्रमशः 25,000 रुपये और दो लाख रुपये जमा करने होंगे, अन्यथा उन्हें इस मामले में आगे पेश होने की अनुमति नहीं दी जाएगी." पीठ में न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया भी शामिल थे.

रिपोर्ट के मुताबिक आवारा कुत्तों के पुनर्वास के संबंध में दो न्यायाधीशों की पीठ द्वारा 11 अगस्त को जारी कुछ निर्देशों पर रोक लगाने की मांग करते हुए कई गैर सरकारी संगठनों और पशु प्रेमियों ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था. शुक्रवार को, पीठ ने राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों के काटने, खासकर बच्चों से जुड़ी घटनाओं की मीडिया रिपोर्टों के बाद 28 जुलाई को शुरू किए गए एक स्वतः संज्ञान मामले में अपना आदेश सुनाया.


पीठ ने कहा कि आवारा कुत्तों को गोद लेने के इच्छुक पशु प्रेमी अपने संबंधित नगर निगम अधिकारियों को आवेदन कर सकते हैं. कुत्ते की पहचान और टैग लगने के बाद, उसे गोद लेने के लिए सौंप दिया जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने कहा, "आवेदक की यह ज़िम्मेदारी होगी कि वह यह सुनिश्चित करे कि गोद लिए गए आवारा कुत्ते सड़कों पर वापस न आएँ."


अदालत ने 11 अगस्त के अपने पहले के निर्देश में भी संशोधन किया, जिसमें दिल्ली-एनसीआर के आश्रय स्थलों से आवारा कुत्तों को छोड़ने पर रोक लगाई गई थी. अदालत ने स्पष्ट किया कि पकड़े गए आवारा कुत्तों की नसबंदी की जानी चाहिए, उनका टीकाकरण किया जाना चाहिए और उन्हें वापस उसी क्षेत्र में छोड़ दिया जाना चाहिए. हालांकि, अदालत ने कहा कि नगर निकायों को पहले के निर्देश के अनुसार, दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम के सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को पकड़ना जारी रखना चाहिए. रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने आगे कहा कि आश्रय स्थलों से आवारा कुत्तों को छोड़ने पर रोक लगाने वाला निर्देश फिलहाल स्थगित रहेगा. 11 अगस्त के आदेश के बाद पशु कल्याण समूहों और कुत्ता प्रेमियों ने पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया था.


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