Updated on: 21 March, 2025 09:24 AM IST | mumbai
Ujwala Dharpawar
सांगली में विश्वविद्यालय उपकेंद्र को खानपुर में स्थानांतरित किए जाने के फैसले पर विधायक सुधीर गाडगिल की निष्क्रियता को लेकर नागरिकों और छात्रों में नाराजगी है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रोफेसर नंदकुमार सुर्वे, एम. के. कोलेकर, खुदबुद्दीन मुजावर और अन्य कई लोग उपस्थित थे.
शिवाजी विश्वविद्यालय का उप-केंद्र पहले सांगली शहर के पास मिराज, कुपवाड़ या दस से पंद्रह किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किए जाने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन राज्य सरकार ने अचानक इस उप-केंद्र को खानपुर में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया. यह फैसला सांगली के छात्रों और नागरिकों के लिए असुविधाजनक साबित हो रहा है, क्योंकि उनका मानना है कि खानपुर में स्थित विश्वविद्यालय उप-केंद्र से शिक्षा और प्रशासनिक कार्यों में समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
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सांगली के नागरिकों का कहना है कि खानपुर में विश्वविद्यालय उप-केंद्र का स्थानांतरित होना कई कारणों से नुकसानदेह हो सकता है. सबसे बड़ी समस्या संचार और अन्य सुविधाओं की है, जो खानपुर में नहीं हो सकतीं. वहीं, सांगली शहर में प्रशासनिक कार्यालय स्थित होने के कारण छात्रों को शैक्षणिक कार्य करने में आसानी होती है. यदि विश्वविद्यालय उप-केंद्र सांगली में होता, तो न केवल छात्रों को फायदा होता, बल्कि छोटे और बड़े व्यापारियों को भी इसका लाभ मिलता और शहर की अर्थव्यवस्था में सुधार आता.
विपक्षी नेताओं और नागरिकों का आरोप है कि इस निर्णय के पीछे विधायक सुधीर गाडगिल की लापरवाही है. गाडगिल, जो पिछले तीन टर्म से विधायक हैं, कभी भी विधानसभा में सांगली के विकास के मुद्दे को लेकर सक्रिय नहीं रहे. विपक्ष ने यह सवाल उठाया है कि जब विश्वविद्यालय उप-केंद्र का मुद्दा सामने आया, तो गाडगिल ने इस पर कोई विरोध या आपत्ति क्यों नहीं जताई. उनके मौन रवैये को लेकर स्थानीय लोग परेशान हैं और सवाल कर रहे हैं कि क्या वे विधानसभा में सोते हैं.
इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करते हुए प्रवक्ता संतोष पाटिल ने कहा, "हमने कई बार विधायक से आग्रह किया था कि वह राज्य सरकार और उच्च शिक्षा विभाग से इस मामले में हस्तक्षेप करें, लेकिन उन्होंने कभी कोई कदम नहीं उठाया. उनका यह रवैया शहर के विकास के लिए हानिकारक है." पाटिल ने यह भी कहा कि अगर गाडगिल ने सही समय पर इस मुद्दे को उठाया होता, तो शायद यह निर्णय नहीं लिया जाता.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रोफेसर नंदकुमार सुर्वे, एम. के. कोलेकर, खुदबुद्दीन मुजावर और अन्य कई लोग उपस्थित थे, जिन्होंने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि विधायक की निष्क्रियता के कारण ही सांगली में विश्वविद्यालय उप-केंद्र को खानपुर भेजा गया है.
सांगली के नागरिकों और छात्रों का मानना है कि अगर उनकी आवाज सही समय पर सुनी जाती, तो यह स्थिति नहीं आती. वे अब उम्मीद कर रहे हैं कि भविष्य में उनके मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा और शहर के विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे.
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