Updated on: 03 December, 2024 03:39 PM IST | mumbai
Ujwala Dharpawar
वंचित बहुजन अघाड़ी ने महाराष्ट्र में ईवीएम के खिलाफ जन आंदोलन की शुरुआत की है, जो हस्ताक्षर अभियान से शुरू होगा. यह अभियान 3 से 16 दिसंबर तक चलेगा.
X/Pics, Prakash Ambedkar
महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में, वंचित बहुजन अघाड़ी ने राज्यभर में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के खिलाफ एक बड़े जन आंदोलन का आह्वान किया है. इस आंदोलन की शुरुआत हस्ताक्षर अभियान से होगी, और यह चरणबद्ध तरीके से तेज किया जाएगा. वंचित बहुजन अघाड़ी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रकाश अम्बेडकर ने हस्ताक्षर कर इस अभियान की शुरुआत की है. इसके बाद अकोला में भी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं.
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पार्टी ने यह निर्णय रविवार को पुणे में हुई राज्य कार्यकारिणी की बैठक में लिया. बैठक में यह तय किया गया कि 3 से 16 दिसंबर तक राज्यभर में ईवीएम विरोधी हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान का उद्देश्य लोगों को ईवीएम के खामियों और उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए जागरूक करना है.
वंचित बहुजन आघाडीच्या EVM विरोधात स्वाक्षरी मोहीमेला सुरुवात.
— Prakash Ambedkar (@Prksh_Ambedkar) December 3, 2024
आज अकोला येथे वंचित बहुजन आघाडीच्या कार्यकर्त्यांसह स्वाक्षरी करून या मोहिमेला सुरुवात झाली. pic.twitter.com/B8yaQWR9hi
ईवीएम के खिलाफ लंबी लड़ाई
वंचित बहुजन अघाड़ी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, एडवोकेट बालासाहेब अंबेडकर ने एक वीडियो संदेश के जरिए राज्य के मतदाताओं से इस हस्ताक्षर अभियान में भाग लेने की अपील की है. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन 2004 से चल रहे ईवीएम के खिलाफ उनके संघर्ष का हिस्सा है. बालासाहेब अंबेडकर ने ईवीएम के खिलाफ न केवल सामाजिक स्तर पर जागरूकता फैलाने की कोशिश की है, बल्कि वे इस मुद्दे पर अदालत में भी लड़ाई लड़ रहे हैं.
अंबेडकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया के सामने ईवीएम में कई गड़बड़ियों को उजागर किया है, जिनके कारण लोकतंत्र की सुरक्षा और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. उनका कहना है कि ईवीएम के माध्यम से चुनावों में धांधली की संभावना बढ़ गई है, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर खतरा मंडरा रहा है.
वंचित बहुजन अघाड़ी का दृढ़ संकल्प
वंचित बहुजन अघाड़ी ने ईवीएम के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है. उनका उद्देश्य राज्यभर में लोगों को यह समझाने का है कि ईवीएम के इस्तेमाल से चुनावी प्रक्रिया पर पूरी तरह से विश्वास करना कठिन हो गया है. उन्होंने इस मुद्दे को जन आंदोलन का रूप देने का संकल्प लिया है और इस आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाने का फैसला किया है.
आंदोलन के अगले चरण में, वंचित बहुजन अघाड़ी विभिन्न जगहों पर रैलियां, बैठकें और अन्य जन संपर्क कार्यक्रम आयोजित करेगी, ताकि अधिक से अधिक लोग इस मुद्दे से जुड़ सकें. पार्टी का मानना है कि जब तक ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहेंगे, तब तक चुनावी प्रक्रिया में विश्वास बहाल करना मुश्किल होगा.
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