कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नहीं बल्कि सत्तारूढ़ सरकार की `मनुवादी` विचारधारा के खिलाफ लड़ाई है.
खड़गे ने जोर देकर कहा, `ठाकरे एक उच्च प्रोफ़ाइल उम्मीदवार नहीं हैं, बल्कि एक जमीनी स्तर के कार्यकर्ता हैं. उन्हें मनुवादी विचारधारा को हराने के लिए चुना गया है. 2024 का लोकसभा चुनाव मोदी या गडकरी के खिलाफ नहीं बल्कि मनुवादी विचारधारा के खिलाफ लड़ाई है.`
खड़गे ने जोर देकर कहा, `ठाकरे एक उच्च प्रोफ़ाइल उम्मीदवार नहीं हैं, बल्कि एक जमीनी स्तर के कार्यकर्ता हैं. उन्हें मनुवादी विचारधारा को हराने के लिए चुना गया है. 2024 का लोकसभा चुनाव मोदी या गडकरी के खिलाफ नहीं बल्कि मनुवादी विचारधारा के खिलाफ लड़ाई है.`
खड़गे ने दावा किया, अगर आरएसएस-बीजेपी जीतती है, तो आगे कोई चुनाव नहीं होगा और वे संविधान को खत्म कर देंगे.
उन्होंने कहा, `कांग्रेस ने देश की आजादी के लिए काम किया लेकिन अब मोदी पूछते हैं कि पार्टी ने पिछले 70 वर्षों में क्या किया है.`
खड़गे ने आरोप लगाया, `आरएसएस ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कुछ नहीं किया, लेकिन अब वे राम मंदिर और बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर वोट मांगने आते हैं. अंबेडकर की एक तस्वीर तो छोड़िए, इन लोगों ने अपने कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज भी नहीं रखा.`
उन्होंने आगे कहा, युवा इन संगठनों का इतिहास नहीं जानते हैं और केवल मोदी के झूठ से गुमराह हैं. मोदी के तहत देश की जीडीपी 5-6 फीसदी की दर से बढ़ रही है, जबकि यूपीए शासन के दौरान यह 8-9 फीसदी थी.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, `मोदी विपक्ष को भ्रष्ट कहते हैं लेकिन उनकी पार्टी दागी नेताओं को शामिल करती है. भाजपा एक ऐसी लॉन्ड्री है जहां भ्रष्टों को मोदी शामिल करते हैं, अमित शाह उन्हें धोने के लिए डालते हैं और गडकरी उन्हें क्लीन चिट दे देते हैं.`
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉ. अंबेडकर के प्रयासों से संविधान बनने के बाद लोगों को वोट देने का अधिकार मिला. कांग्रेस का घोषणापत्र सर्वसमावेशी है और इसमें गरीबों, पिछड़ों, किसानों और समाज के सभी वर्गों का ख्याल रखा जाएगा.`
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