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Arvind Kejriwal: अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी और अमेरिका के बाद यूएन ने भी की टिप्पणी

Updated on: 29 March, 2024 05:28 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और कांग्रेस पार्टी के अकाउंट फ्रीज किए जाने के सवाल पर संयुक्त राष्ट्र (UN) ने भी टिप्पणी की है. हर कोई स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में भारत में होने वाले लोकसभा चुनावों में मतदान कर सकेगा.

अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और कांग्रेस पार्टी के अकाउंट फ्रीज किए जाने के सवाल पर संयुक्त राष्ट्र (UN) ने भी टिप्पणी की है. हर कोई स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में भारत में होने वाले लोकसभा चुनावों में मतदान कर सकेगा. इससे पहले जर्मनी और अमेरिका ने भी अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया दी है. भारत ने इस पर एतराज जताते हुए जर्मन और अमेरिकी डिप्लोमैट को भी तलब किया था.

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और कांग्रेस पार्टी के बैंक अकाउंट फ्रीज किए जाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि भारत से उम्मीद है कि यहां चुनाव वाले देशों की तरह राजनीतिक और नागरिक अधिकार सुरक्षित रहेंगे, जिससे हर कोई स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में मतदान करने में सक्षम हो.


अमेरिकी विदेश विभाग प्रवक्ता ने कहा, अमेरिका अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की रिपोर्ट पर बारीकी से नजर रख रहा है. एक निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया का बढ़ावा देता है. अमेरिका की इस टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि भारत की कानूनी प्रतिक्रियाएं न्यायपालिका पर आधारित हैं. जो ऑब्जेक्टिव और समय पर फैसलों के लिए प्रतिबद्ध हैं. भारतीय न्यायपालिका पर सवाल उठाना अनुचित है.


विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहाकि अमेरिकी विदेश मंत्रालय की हालिया टिप्पणी अनुचित है.

वहीं, जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने इसे नोट किया है. भारत की लोकतांत्रिकता से हमें उम्मीद है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित सभी मानकों को इस मामले में भी लागू किया जाएगा. इसके अलावा अमेरिका की इस टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि भारत की कानूनी प्रक्रियाएं एक स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित हैं जो ऑब्जेक्टिव और समय पर फैसले लेने के लिए प्रतिबद्ध है.


 

 

 

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