Updated on: 18 November, 2024 02:51 PM IST | Mumbai
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इस नए प्रोग्राम के साथ टीच फॉर इंडिया द्वारा बच्चों को बेहतरीन शिक्षा प्राप्त करने और फैलोज़ को नेतृत्व विकास के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
Arts Fellowship in India
शिक्षा को समर्पित नॉन-प्रॉफिट संगठन, टीच फॉर इंडिया ने भारत में अपनी 15वीं सालगिरह के अवसर पर अपने म्यूज़िकल ‘विद लव’ के साथ आर्ट्स फैलोशिप शुरू करने की घोषणा की है। यह टीच फॉर इंडिया के मौजूदा दो वर्षीय फैलोशिप प्रोग्राम के अलावा होगी। इस नए प्रोग्राम के साथ टीच फॉर इंडिया द्वारा बच्चों को बेहतरीन शिक्षा प्राप्त करने और फैलोज़ को नेतृत्व विकास के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
इस नए फुल-टाईम पेड आर्ट्स फैलोशिप के लिए आवेदन 6 जनवरी 2025 के बाद से किए जा सकेंगे। यह इनोवेटिव प्रोग्राम फैलोज़ को उच्च गुणवत्ता की आर्ट्स की शिक्षा प्रदान करते हुए शिक्षा की असमानता को दूर करने में समर्थ बनाएगा, जिससे भारत में वंचित स्कूलों के विद्यार्थियों की आवाज़, अभिव्यक्ति, और संपर्कों का विकास होगा। आर्ट्स फैलोशिप का विकास शिक्षा में आर्ट्स के क्षेत्र में काम कर रहे टीच फॉर इंडिया के पूर्व छात्रों, बाहरी विशेषज्ञों, और स्टाफ के सदस्यों द्वारा अपने अनुभवों की मदद से किया गया है।
अपने इस मिशन को आगे बढ़ाते हुए टीच फॉर इंडिया द्वारा अपने ऑपरेशंस का विस्तार साल 2032 तक 3 से 5 शहरों में किया जाएगा। इससे इसकी पहुँच पूरे देश में बढ़कर 11 से 13 शहरों तक हो जाएगी (वर्तमान में टीच फॉर इंडिया अहमदाबाद, बैंगलुरू, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और पुणे सहित 8 शहरों में काम कर रहा है)। यह संगठन 2032 तक 50,000 नेतृत्वकर्ताओं का विकास करने के लिए समर्पित है, जिनमें टीचर्स, टीचर ट्रेनर, स्कूल लीडर्स, स्अूडेंट लीडर्स, सरकारी अधिकारी, और एंट्रप्रेन्योर्स शामिल होंगे।
इस अवसर पर टीच फॉर इंडिया के फाउंडर एवं सीईओ, शाहीन मिस्त्री ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए बहुत भावुक क्षण है। टीच फॉर इंडिया का पिछले 15 साल का सफर बहुत संतुष्टिदायक रहा है। 1000 फैलो और 5000 एलुमनी तथा पूरे देश में 50 मिलियन बच्चों के साथ हम निरंतर देश में शिक्षा की असमानता को दूर कर रहे हैं और नेतृत्वकर्ताओं का विकास कर रहे हैं। नई आर्ट्स फैलोशिप का लॉन्च करके हम विद्यार्थियों को स्थानीय और ग्लोबल आर्ट फॉर्म के क्षेत्र में उतरने और कलात्मक अभिव्यक्ति के प्रति आजीवन रुचि और गौरव का विकास करने में मदद कर रहे हैं, ताकि वो रचनात्मकता, सहानुभूति और सामाजिक परिवर्तन की प्रतिबद्धता के साथ नेतृत्व कर सकें।’’
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