Updated on: 30 November, 2024 03:59 PM IST | Mumbai
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संदीप ने डिजिटल आज़ादी नामक ऑनलाइन स्कूल की स्थापना की, जिसका उद्देश्य आम आदमी को डिजिटल मार्केटिंग सिखाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
डिजिटल आज़ादी
भारतीय मनोरंजन जगत में एक जाना-माना नाम रहे संदीप भंसाली आज डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम कर रहे हैं। अभिनेता से लेकर व्यवसायी और अब डिजिटल मार्केटिंग कोच बनने तक का उनका सफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह उन लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है, जो अपने जीवन में बदलाव लाना चाहते हैं।
पारिवारिक व्यवसाय से अभिनय और उससे आगे का सफर
संदीप भंसाली का जन्म पुणे के एक पारंपरिक परिवार में हुआ, जहाँ उनके पिता का एक साड़ी का व्यवसाय था। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद संदीप ने अपने पिता के इस व्यवसाय में शामिल होकर शुरुआती व्यावसायिक समझ विकसित की। लेकिन उनका असली सपना अभिनय की दुनिया में कदम रखने का था। परिवार का समर्थन पाकर, वे मुंबई चले गए और संघर्ष के बाद उन्होंने कई हिंदी टेलीविजन धारावाहिकों में मुख्य भूमिकाएँ निभाईं और एक सफल अभिनेता के रूप में अपनी पहचान बनाई।
शादी के बाद, संदीप ने फिर से व्यापार की ओर रुख किया, इस बार अपने ससुराल वालों के व्यवसाय में। उन्होंने एक नई फैक्ट्री की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें जमीन खरीदने से लेकर उत्पादन और बिक्री तक का कामकाज संभाला। इस सफलता के बाद, संदीप पुणे लौट आए और अपने पिता के साड़ी व्यवसाय में फिर से शामिल हो गए, जहाँ उन्होंने अपने व्यापारिक अनुभव का उपयोग करते हुए इसे एक छोटे स्टोर से एक डिपार्टमेंटल स्टोर तक पहुँचाया।
कोविड-19 के दौरान डिजिटल दुनिया की ओर
कोविड महामारी ने संदीप के जीवन में एक नया मोड़ लाया। व्यापार में चुनौतियों के कारण, उन्होंने डिजिटल मार्केटिंग में रुचि लेना शुरू किया। उन्होंने महसूस किया कि मोबाइल फोन के माध्यम से व्यवसाय को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने डिजिटल मार्केटिंग सीखी और इस क्षेत्र में कई ऑनलाइन कोर्स भी किए। इस समय के दौरान उन्होंने महसूस किया कि डिजिटल मार्केटिंग से न केवल व्यवसाय को बढ़ाया जा सकता है, बल्कि यह आम आदमी को भी आत्मनिर्भर बनाने में सहायक हो सकता है।
डिजिटल आज़ादी की शुरुआत
संदीप ने डिजिटल आज़ादी नामक ऑनलाइन स्कूल की स्थापना की, जिसका उद्देश्य आम आदमी को डिजिटल मार्केटिंग सिखाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने 2021 में अपने पहले ऑनलाइन वेबिनार की शुरुआत की, जिसमें कई लोगों ने भाग लिया। उनकी क्लासों में शामिल होने वाले छात्रों ने डिजिटल मार्केटिंग से जुड़ी बुनियादी जानकारी से लेकर उन्नत तकनीकों तक की शिक्षा प्राप्त की है। आज उनके इस प्लेटफार्म से हजारों लोग जुड़ चुके हैं।
भारत के डिजिटल भविष्य की ओर
संदीप का मानना है कि भारत में डिजिटल मार्केटिंग में असीमित संभावनाएँ हैं। उनका उद्देश्य है कि वह भारत को डिजिटल कैपिटल बनाने में योगदान दें। डिजिटल आज़ादी के माध्यम से वह लोगों को विभिन्न डिजिटल स्रोतों से आय अर्जित करने के लिए तैयार कर रहे हैं। उनका यह सफर न केवल उनके व्यक्तिगत बदलाव की कहानी है, बल्कि भारत के डिजिटल विकास में भी एक महत्वपूर्ण योगदान है।
एक प्रेरणादायक संदेश
संदीप भंसाली की कहानी हमें यह सिखाती है कि चुनौतियाँ केवल नए अवसरों का द्वार खोलने का माध्यम होती हैं। उनकी डिजिटल आज़ादी पहल ने न केवल उनकी, बल्कि हजारों लोगों की ज़िन्दगी में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। यदि आप भी आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करना चाहते हैं, तो संदीप भंसाली की कहानी से प्रेरणा लेकर डिजिटल दुनिया में कदम बढ़ा सकते हैं।
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