Updated on: 20 January, 2024 12:04 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
कैज़ाद गुस्ताद की बॉम्बे बॉयज़ (1998) में सहायक निर्देशक (एडी) के रूप में शुरुआत करने के बाद और 10 से अधिक फिल्मों/शो की संयुक्त फिल्मोग्राफी के साथ रीमा कागती और ज़ोया अख्तर ढाई दशकों से अधिक समय से दोस्त और सहकर्मी बनी हुई हैं.
रीमा कागती.
कैज़ाद गुस्ताद की बॉम्बे बॉयज़ (1998) में सहायक निर्देशक (एडी) के रूप में शुरुआत करने के बाद और 10 से अधिक फिल्मों/शो की संयुक्त फिल्मोग्राफी के साथ रीमा कागती और ज़ोया अख्तर ढाई दशकों से अधिक समय से दोस्त और सहकर्मी बनी हुई हैं.
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वे "पेशेवर आत्मीय साथी" हैं, वे इससे सहमत हैं. सामाजिक जीवन काफी हद तक अलग हैं? रीमा मिड-डे के सिट विद हिटलिस्ट वार्तालाप के दौरान कहती हैं. उन्होंने कहा, "जब हम बाहर घूमते हैं तो हमारा एक ही गिरोह होता है लेकिन इसे इस तरह से कहें: ज़ोया बेहद सामाजिक है. मैं बिल्कुल असामाजिक हूं."
हम ज़ोया की पृष्ठभूमि के बारे में पर्याप्त जानते हैं, जो प्रसिद्ध लेखक जावेद अख्तर और हनी ईरानी की बेटी हैं. हम रीमा के बारे में बमुश्किल कुछ भी जानते हैं. उनके अधिकांश ऑनलाइन वीडियो साक्षात्कार जोया के साथ हैं. रीमा शांति से शांत, सुरक्षित रूप से शांत है, जो "असामाजिक" आत्म-वर्णन को पर्याप्त रूप से समझाता है, है ना?
रीमा कहती हैं कि वह असम में पली-बढ़ीं, मेघालय के शिलांग में एक बोर्डिंग स्कूल, लोरेटो कॉन्वेंट में गईं. वह कहती हैं, “उस समय, असम में शायद ही कोई अच्छे स्कूल थे, इसलिए माता-पिता के लिए अपने बच्चों को बोर्डिंग स्कूलों में भेजना आम बात थी. बड़े शहरों के विपरीत, जहां केवल शरारती बच्चों को ही भेजा जाता था!”
वह बेशक एक शरारती बच्ची थी. हालांकि, "मैं अपने माता-पिता के जीवन को नरक बना देती थी. लेकिन वे सहायक थे." शुरुआत में उनकी फिल्म निर्माण की महत्वाकांक्षाएं उतनी नहीं थीं.
मुझे लगता है कि मेरे पिता की बॉलीवुड के बारे में यही 1980, 90 के दशक की धारणा थी. वह [मेरे करियर विकल्प से] बहुत निराश थे. ऐसा तभी हुआ जब मैंने उन्हें लगान देखने के लिए कहा, मैं उस पर एक एडी था, तब उन्होंने कहा, ठीक है- अगर आप इस तरह की फिल्में बनाना चाहते हैं.
रीमा के पिता "चीन से चार घंटे की दूरी पर" खेती के लिए 350 एकड़ जमीन पट्टे पर देने से पहले एक तेल कंपनी में इंजीनियर थे. उन्होंने कहा, “उसके गृह-राज्य के साथ गर्भनाल बनी हुई है. आप वास्तव में अपनी जड़ें नहीं बढ़ा सकते. मेरा रसोइया असमिया है. मैं असमिया खाना खाता हूं. मेरा परिवार असम वापस आ गया है. रीमा सोफिया में कॉलेज के लिए बॉम्बे चली गईं और उसके बाद मीडिया स्कूल, सोफिया पॉलिटेक्निक में सामाजिक संचार का कोर्स किया.”
वह आगे कहती हैं, “किसी समय मेरी मुलाकात ज़ोया से हुई. हमें एक ही तरह की फिल्में पसंद आईं, हमारे बीच काफी समानताएं थीं, हमने साथ मिलकर छोटी-छोटी चीजें लिखना शुरू किया.``
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