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फडणवीस ने निकाला समाधान, विपक्ष सिर्फ वोट बैंक बचाने में लगा– भाजपा प्रवक्ता का हमला

Updated on: 03 September, 2025 10:32 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

फडणवीस सरकार द्वारा मराठा आरक्षण की मांग मानने के बाद मनोज जरांगे ने अनशन खत्म कर दिया. इस पर भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा कि सरकार ने सम्मानजनक समाधान निकाला, जबकि विपक्ष ने मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की नाकाम कोशिश की.

X/Pics, Keshav Upadhye

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महाराष्ट्र में लंबे समय से चल रही मराठा आरक्षण की मांग आखिरकार पूरी हो गई है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने यह फैसला लिया, जिसके बाद आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे ने अपना अनशन खत्म करने की घोषणा की. इस बड़े घटनाक्रम पर भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने प्रतिक्रिया दी और इसे महाराष्ट्र के लिए ऐतिहासिक पल बताया.

उपाध्ये ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मराठा आरक्षण को लेकर वर्षों से चल रहा आंदोलन अब सम्मानजनक और सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है. उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बधाई दी, जिन्होंने पारंपरिक कुनबी पृष्ठभूमि वाले मराठा परिवारों को न्याय दिलाने वाला समाधान निकाला और यह सुनिश्चित किया कि किसी भी अन्य समाज के साथ अन्याय न हो.


 



 

भाजपा प्रवक्ता ने आंदोलन के नेताओं की भी सराहना की कि उन्होंने इस संवेदनशील मुद्दे को गरिमा के साथ सुलझाने का प्रयास किया और यह समझा कि न्याय सबका अधिकार है. साथ ही, उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ नेता इस आंदोलन को राजनीतिक रंग देने में जुटे थे. महा विकास अघाड़ी के नेताओं ने अपनी वोटबैंक की राजनीति के लिए इस मसले को हवा देने की कोशिश की, लेकिन फडणवीस ने उनकी योजना विफल कर दी.

उपाध्ये ने यह भी कहा कि कुछ विपक्षी दल केंद्र सरकार पर बोझ डालने की चाल चल रहे थे और दावा कर रहे थे कि संविधान संशोधन के बिना रास्ता संभव नहीं है. लेकिन फडणवीस ने ऐसा समाधान निकाला जिससे पात्र मराठा परिवारों को न्याय मिला और उनकी उम्मीदें टूटी नहीं.

भाजपा प्रवक्ता ने उद्धव ठाकरे पर भी कटाक्ष किया और कहा कि उन्हें न तो बजट की समझ है, न गन्ना राजनीति की और न ही कृषि क्षेत्र की. ऐसे में मराठा आरक्षण जैसे ज्वलंत मुद्दे पर उन्होंने सरकार का विरोध करने के अलावा कोई ठोस रुख नहीं अपनाया.

अंत में, उपाध्ये ने कहा कि इस पूरे मसले को सम्मानजनक तरीके से सुलझाने का श्रेय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उप-समिति प्रमुख राधाकृष्ण विखे पाटिल और आंदोलनकारी नेता मनोज जरांगे को जाता है. साथ ही महाराष्ट्र की जनता भी बधाई की पात्र है, जिसने विपक्ष की भड़काऊ राजनीति में पड़ने के बजाय संयम और समझदारी का परिचय दिया.

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