बीते कुछ दिनों से आंदोलन के कारण जहां जगह-जगह बैरिकेड्स, भीड़ और सुरक्षा तैनाती देखने को मिल रही थी, वहीं अब तस्वीर बदल चुकी है. सड़कें खाली दिखाई देने लगीं और यातायात धीरे-धीरे सामान्य होने लगा. (Pic/Sayyed Sameer Abedi)
बीएमसी ने आंदोलन खत्म होते ही सफाई और सैनिटाइजेशन का काम तेज़ी से शुरू कर दिया. फैशन स्ट्रीट इलाके में निगमकर्मी सैनिटाइज़र का छिड़काव करते दिखाई दिए.
वहीं छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) और आसपास की सड़कों पर सफाई अभियान चलाया गया.
इससे यह संदेश भी दिया गया कि आंदोलन भले ही शांतिपूर्वक रहा हो, लेकिन सार्वजनिक जगहों की स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित करना निगम की प्राथमिकता है.
सरकार की ओर से आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया गया कि मराठा आरक्षण के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे.
मनोज जरांगे ने भी सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया और समर्थकों से शांतिपूर्वक घर लौटने की अपील की. उन्होंने कहा कि आंदोलन का मकसद न्याय पाना था और सरकार ने इसे समझदारी से स्वीकार किया.
मुंबई पुलिस और प्रशासन के लिए यह राहत की खबर रही. पांच दिनों तक लगातार सुरक्षा में जुटे अधिकारियों ने भी अब चैन की सांस ली.
स्थानीय व्यापारियों और दुकानदारों ने भी खुशी जताई कि अब हालात सामान्य हो रहे हैं और कारोबार फिर से पटरी पर लौट सकेगा.
कुल मिलाकर, महाराष्ट्र सरकार और आंदोलनकारियों के बीच बनी सहमति ने न केवल एक बड़ा संकट टाल दिया, बल्कि यह भी साबित किया कि संवेदनशील मुद्दों को संवाद और समझदारी से सुलझाया जा सकता है.
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