Updated on: 13 August, 2025 06:44 PM IST | Mumbai
अभिनेता और पशु-प्रेमी रंदीप हुड्डा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा आवारा कुत्तों पर हालिया फैसले की समीक्षा करने के निर्णय का स्वागत किया है.
रंदीप ने माना कि आवारा कुत्ते एक तरफ सामूहिक मानवीय ज़िम्मेदारी हैं, तो दूसरी तरफ कभी-कभी सार्वजनिक सुरक्षा के लिए चुनौती भी बन सकते हैं.
पशु-प्रेमी और अभिनेता रंदीप ने माननीय मुख्य न्यायाधीश को इस मामले पर दोबारा गौर करने के लिए धन्यवाद देते हुए लिखा, "यह सुनकर अच्छा लगा कि माननीय CJI ने NCR में आवारा कुत्तों पर दिए गए फैसले को दोबारा देखने का निर्णय लिया है. कोई भी कानून बनाना और लागू करना सबसे पहले मानवीय होना चाहिए, और साथ ही उसके लिए ज़रूरी ढांचा व संवेदनशीलता का भी ध्यान रखना चाहिए."
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रंदीप ने माना कि आवारा कुत्ते एक तरफ सामूहिक मानवीय ज़िम्मेदारी हैं, तो दूसरी तरफ कभी-कभी सार्वजनिक सुरक्षा के लिए चुनौती भी बन सकते हैं. उन्होंने लिखा, "मुझे जानवरों से प्यार है, लेकिन अगर किसी परिवार ने रेबीज़ के कारण अपना प्रियजन खोया हो या गंभीर चोट झेली हो, तो क्या मैं इसे सही ठहरा पाऊंगा? नहीं." उन्होंने यह भी जोड़ा कि पूरे आवारा कुत्तों को पकड़कर बंद कर देना न तो व्यावहारिक है और न ही असरदार.
इसके बजाय उन्होंने लंबे समय के लिए टिकाऊ कदम सुझाए — जैसे बड़े स्तर पर और नियमित रूप से नसबंदी करना, आक्रामक झुंडों को पकड़कर अलग-अलग जगहों पर पुनर्वितरित करना, और ज़िम्मेदार गोद लेने को बढ़ावा देना.
"यह एक ऐसा समाधान है जो समय के साथ उनकी संख्या को कम करेगा. साथ ही जितने हो सकें उतने को अपनाएं और उनकी पूरी ज़िम्मेदारी लें. मैं खुद ऐसा करता हूं," उन्होंने साझा किया.
यह बयान ऐसे समय आया है जब आवारा कुत्तों को लेकर बहस काफी तीखी है. रंदीप का नज़रिया संवेदनशीलता और व्यवहारिक सोच का मेल है, जो नागरिकों और प्रशासन दोनों से एक सुरक्षित और मानवीय सह-अस्तित्व की दिशा में काम करने की अपील करता है.
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