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मुंबई में गे कपल ने गिफ्ट टैक्स नियमों के खिलाफ किया बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख

Updated on: 16 August, 2025 11:01 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

जोड़े द्वारा दायर याचिका में जीवनसाथी शब्द को असंवैधानिक घोषित करने की माँग की गई है क्योंकि यह समलैंगिक को दायरे से बाहर रखता है.

प्रतीकात्मक चित्र. तस्वीर/आईस्टॉक

प्रतीकात्मक चित्र. तस्वीर/आईस्टॉक

एक समलैंगिक जोड़े ने पति-पत्नी के बीच उपहारों पर कर लगाने के आयकर अधिनियम के विभेदक व्यवहार को चुनौती देते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय का रुख किया है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार जोड़े द्वारा दायर याचिका में आयकर अधिनियम की धारा 56(2)(x) के पाँचवें प्रावधान के स्पष्टीकरण में प्रयुक्त `जीवनसाथी` शब्द को असंवैधानिक घोषित करने की माँग की गई है क्योंकि यह समलैंगिक जोड़ों को `जीवनसाथी` शब्द के दायरे से बाहर रखता है.

रिपोर्ट के मुताबिक आयकर अधिनियम की धारा 56(2)(x) के तहत, बिना पर्याप्त प्रतिफल के प्राप्त कोई भी धन, संपत्ति या परिसंपत्ति, जिसका मूल्य 50,000 रुपये से अधिक है, पर `अन्य स्रोतों से आय` के रूप में कर लगाया जाता है. हालाँकि, इस धारा का पाँचवाँ प्रावधान `जीवनसाथी` सहित `रिश्तेदारों` से प्राप्त ऐसे उपहारों को कर से छूट देता है. अधिनियम में `जीवनसाथी` शब्द को अलग से परिभाषित नहीं किया गया है. न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावाला और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की पीठ ने 14 अगस्त को कहा कि याचिका कानून के एक प्रावधान की संवैधानिक वैधता को चुनौती देती है और भारत के अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी किया.


हिंदुत्व कार्यकर्ता और महाराष्ट्र गोसेवा संघ के कार्यकर्ता मिलिंद एकबोटे 2018 से ही कई वजहों से चर्चा में हैं. 2018 में पुणे में हुई हिंसा के एक मामले में उनके खिलाफ अत्याचार और दंगा भड़काने का मामला दर्ज किया गया था. अब एक बार फिर मिलिंद एकबोटे ने पुणे में एक कार्यक्रम में एक अजीबोगरीब बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जर्सी गाय सुअर और गाय के मिश्रण से बनी एक प्रजाति है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी अजीबोगरीब दावा किया है कि इस गाय का दूध नपुंसकता का कारण बनता है. गौरतलब है कि अपने भाषण में उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की भी तीखी आलोचना की है. उनके इस भाषण की अब पूरे राज्य में चर्चा हो रही है.


गोसेवा संघ के मिलिंद एकबोटे ने अजित पवार की आलोचना करते हुए कहा, “राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक गैर-ज़िम्मेदाराना बयान दिया है, `मैं कुरैशी लोगों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं करूँगा.`” उन्होंने कहा, “उन्हें लोगों की नहीं, बल्कि अपने मन की सुननी चाहिए. पवार को पता होना चाहिए कि उन्हें मोदी का आशीर्वाद प्राप्त है और उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद दिया गया है.” एकबोटे ने सलाह दी है कि भगवा रंग का सम्मान किया जाना चाहिए और हिंदुत्व की भावना को बनाए रखा जाना चाहिए. इस बीच, अब मिलिंद एकबोटे के जर्सी गायों और नपुंसकता वाले बयान पर राज्य में अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ मिलने की संभावना है. साथ ही, एकबोटे ने अजित पवार को संबोधित करते हुए कहा है कि उन्हें शर्म आनी चाहिए थी, तो अब अजित पवार के कार्यकर्ता क्या जवाब देंगे? यह देखना दिलचस्प होगा.


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