Updated on: 13 November, 2023 03:47 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
‘काव्या-एक जज़्बा एक जुनून’ में नजर आईं सुम्बुल तौकीर का मानना है कि कभी-कभी हमें पारिवार की खुशी के लिए अपनी भावनाओं का त्याग करना पड़ता है.
फाइल फोटो
‘काव्या-एक जज़्बा एक जुनून’ में नजर आईं सुम्बुल तौकीर का मानना है कि कभी-कभी हमें पारिवार की खुशी के लिए अपनी भावनाओं का त्याग करना पड़ता है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
सोनी टीवी पर आने वाले शो काव्या की मौजूदा कहानी में दिखाया गया है कि काव्या भावनाओं और गलतफहमियों के जाल में फंस गई है. शो के ट्रैक में अधिराज की भूमिका में नजर आने वाले मिश्कत वर्मा को अकादमी से निलंबित कर दिया गया है. इससे काव्या और अधिराज के बीच मतभेद बढ़ जाते हैं इसलिए अधिराज के पिता गिरिराज प्रधान इस स्थिति का फायदा उठाते हैं और दोनों के बीच एक बड़ी दीवार खड़ी कर देते हैं.
काव्या ने बसंत खेड़ी प्रोजेक्ट जीता. तो अधिराज काव्या को एक लैब-कोट गिफ्ट करता है. हालांकि, कोट अधिराज के बैग में वापस आ जाता है इसलिए दोनों के बीच गलतफहमी पैदा हो जाती है. अब अगले एपिसोड में देखना होगा कि दोनों की गलतफहमी दूर होगी या नहीं.
इस सीरियल में काव्या का रोल निभा रही सुम्बुल ने कहा, "एक कहावत है कि अगर कोई आपके साथ नहीं चलता है, तो आपको अकेले चलना चाहिए." जब लोग बदला लेते हैं तो हम भी ऐसा ही करते हैं. अगर आप जिंदगी में टूट भी गए हैं तो भी आपको आगे बढ़ना है. परिवार की ख़ुशी के लिए आपको अपनी भावनाओं का त्याग करना होता है. काव्या भी ऐसा ही कर रही है. वह अब अकेले घूम रही हैं. काव्या भी टूट गई है. उनका एकमात्र समर्थक अधिराज भी उनसे बदला ले रहा है.
दूसरी ओर अधिराज पर उसके भरोसे को देखते हुए उसे लगता है कि वह कभी बदला नहीं ले सकता. अब काव्या को खुद पर पूरा भरोसा है इसलिए वह अपने पिता राजीव को जेल से छुड़ाने के लिए कुछ भी करेगी. अब देखना यह है कि शो में काव्या और उसके प्यार की जिंदगी में क्या नया दिखाया जाएगा.
‘काव्या-एक जज़्बा एक जुनून’ शो सोनी पर सोमवार से शुक्रवार शाम 7:30 बजे प्रसारित होता है. शो में सुम्बुल आईएस ऑफिसर काव्या के किरदार में नजर आती हैं. इसका उद्देश्य देश सेवा के साथ-साथ जन कल्याण करना है. इसलिए वह कोई भी फैसला लेने में झिझकती नहीं हैं.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT