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क्या श्याम वर्ण के थे प्रभु श्री राम, अयोध्या में मूर्ति का रंग काला क्यों?

Updated on: 18 February, 2024 07:17 AM IST | mumbai
Tanu Chaturvedi | tanu.chaturvedi@mid-day.com

अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir): 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. इससे पहले राम मंदिर (Ram Mandir) में आई श्री राम की मूर्ति को लेकर काफी चर्चा हो रही है.

राम मंदिर में विराजमान होगी श्रीराम की ये मूर्ति.

राम मंदिर में विराजमान होगी श्रीराम की ये मूर्ति.

की हाइलाइट्स

  1. रामचरितमानस में दिखते हैं मूर्ति के रंग को लेकर प्रमाण
  2. आयोध्या में रामलला की काली मूर्ति को लेकर हो रही है चर्चा
  3. 5 वर्ष के बालक के रूप में विराजमान होंगे श्रीराम

अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir): 22 जनवरी को अयोध्या (Ayodhya) के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्‍य यजमान हैं. रामलला की मूर्ति की तस्‍वीर सामने आने के बाद से ये काफी चर्चा में है. दरअसल, प्राण प्रतिष्ठा के लिए आई रामलला की मूर्ति काले रंग की और ये प्रभु राम के बाल स्‍वरूप की है. आइए हम आपको कुछ रोचक तथ्‍यों और मान्‍यताओं के आधार पर बताते हैं कि ऐसा क्‍यों है...

मूर्ति में 5 वर्ष के राम का स्‍वरूप क्‍यों? 


अयोध्या में रामलला की मूर्ति, जिसकी प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है, उसमें प्रभु राम 5 वर्ष के हैं. ऐसा क्‍यों है, इस सवाल पर काशी के पंडित दयानंद पांडेय ने मिड-डे हिंदी से बातचीत में बताया कि हिंदू धर्म की मान्‍यताओं में आमतौर पर बाल्यकाल को 5 वर्ष तक ही माना जाता है, जबकि 5 वर्ष के बाद बालक काे बोधगम्य माना जाता है. यानी 5 वर्ष की उम्र के बाद बालक को चीजों का ज्ञान होने लगता है इसलिए बाल स्‍वरूप में रामलला की मूर्ति की उम्र इतनी ही रखी गई. बता दें कि इस मूर्ति की लंबाई भी महज 51 इंच यानी सवा 4 फीट है.  


काली क्यों है प्रभु श्रीराम की मूर्ति? 

गोस्‍वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरितमानस में भगवान राम के स्‍वरूप के बारे में सुंदर वर्णन किया है. इसमें संस्‍कृत भाषा में प्रभु श्रीराम की स्‍तुति की गई है-
नीलाम्बुजश्यामलकोमलाङ्गं सीतासमारोपितवामभागम 
पाणौ महासायकचारूचापं, नमामि रामं रघुवंशनाथम॥
इस श्लोक का हिंदी में अर्थ है - नील कमल के समान श्यामल, सुंदर, सांवले और कोमल अंग वाले, जिनके बाईं ओर सीता माता विराजमान होकर के इस दृश्य को और भी सुशोभित करती हैं, जिनके दोनों हाथों में अमोघ धनुष और बाण इस प्रिय छवि को और भी निखारते हैं. उन रघुकुल के शिरोमणि को हम प्रणाम करते हैं. 


इस श्‍लोक के अनुसार, श्रीराम का रंग श्‍याम है इसलिए काले पत्‍थर से रामलला की मूर्ति बनाई गई. कर्नाटक के जिस काले-भूरे पत्‍थर से रामलला की मूर्ति बनाई गई है, उसे श्‍याम शिला भी कहा जाता है.

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