Updated on: 14 November, 2023 07:10 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
भाई दूज (bhai dooj 2023) का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. दिवाली की दूज को पूरे देश में बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती हैं. इस शुभ अवसर पर बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं.
प्रतिकात्मक तस्वीर
भाई दूज (bhai dooj 2023) का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. दिवाली की दूज को पूरे देश में बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती हैं. इस शुभ अवसर पर बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं. भाई भी अपनी बहनों को उपहार देते हैं. हालांकि इस साल भाई दूज की तारीख को लेकर लोगों में काफी कंफ्यूजन देखने को मिल रहा है.
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शुभ मुहूर्त कब है?
पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 36 मिनट तक है. तब द्वितीया तिथि प्रारंभ हो रही है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 14 नवंबर को दोपहर 02:36 बजे से शुरू होगी और अगले दिन यानी 15 नवंबर को दोपहर 01:47 बजे तक रहेगी. भाई बहनों का ये त्योहार दिन में मनाया जाता है इसलिए बहनें 14 नवंबर को दोपहर से तिलक कर सकती हैं. 14 नवंबर से 15 नवंबर दोपहर 01:47 बजे तक ये त्योहार मनाया जा सकता है.
भाई दूज का शुभ समय
भाई दूज (bhai dooj 2023) के दिन भाई को तिलक करने का शुभ समय दोपहर 01:10 से 03:19 बजे तक माना जा सकता है. इस दौरान बहनें अपने भाई की सुख-समृद्धि और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना कर सकती हैं. इस दिन यम द्वितीया भी मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान यम अपनी बहन यमुना के घर गए थे. इसलिए पूरे देश में ये त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है.
दिवाली का ये 5 दिन का त्योहार लगभग पूरा होने में है. धनतेरस, नरक चौदस और दिवाली के त्योहार पूरे देश में अलग-अलग रीति रिवाजों के साथ मनाए जा चुके हैं. धनतेरस से शुरू हुआ रोशनी का त्योहार भाई दूज के दिन समाप्त होता है. अभी गोवर्धन पूजा और भाई दूज ही बचे हैं. भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. यह त्यौहार भाई-बहन के बीच के अटूट बंधन को मजबूत करता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं.
ऐसे मना सकते हैं भाई दूज
भाई दूज पर तिलक से पहले भगवान यमराज और मां यमुना का ध्यान करना शुभ माना जाता है. फिर भाई के माथे पर तिलक और चावल लगाना चाहिए. फिर एक दूसरे को मिठाई खिलाएं. बहनें अपने भाइयों को सूखा नारियल या नारियल गोला भी देती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों को उनकी पसंद का उपहार देते हैं.
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