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पूजा-पाठ में चढ़ाए गए नारियल का क्या है महत्व? यहां पढ़े

Updated on: 07 June, 2024 10:05 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

नारियल को पूजा में प्रयोग करने के कई कारण हैं.

नारियल को पूजा के लिए पवित्र माना जाता है.

नारियल को पूजा के लिए पवित्र माना जाता है.

Nariyal Importance In Puja: पूजा और धार्मिक आयाम भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसमें विभिन्न पदार्थों और सामग्री का प्रयोग किया जाता है, जिनमें नारियल भी शामिल है. नारियल को पूजा में एक महत्वपूर्ण उपकरण माना जाता है, और इसके पीछे कई मान्यताएँ और कारण हैं. नारियल को पूजा में प्रयोग करने के कई कारण हैं. पहले तो, नारियल को पूजा के लिए पवित्र माना जाता है. इसका बाहरी कठोर अंबर भक्तों को भगवान की शक्ति की उपस्थिति का आभास कराता है. दूसरे, नारियल में पानी स्थिरता और पवित्रता का प्रतीक होता है. इसलिए, पूजा में नारियल का उपयोग शुभता और समृद्धि के साथ जुड़ा होता है.

विभिन्न धार्मिक प्रथाओं में नारियल का महत्व भी है. हिन्दू धर्म में, नारियल को देवी लक्ष्मी के प्रतीक के रूप में स्वीकार किया जाता है. इसलिए, धन और समृद्धि के लिए नारियल को लक्ष्मी की पूजा के साथ उपहार के रूप में भी उपयोग होता है. इसके अलावा, नारियल को देवी दुर्गा की पूजा में भी उपयोग किया जाता है, जिसके माध्यम से शक्ति और सुरक्षा की कामना की जाती है.


इसके साथ ही, नारियल का प्रयोग विविध धार्मिक अनुष्ठानों में भी होता है. जैसे कि विवाह समारोह में नारियल को शुभ समय की प्रतीक्षा के रूप में उपहार के रूप में दिया जाता है. इसके साथ ही, नारियल को अन्य पूजाओं और यज्ञों में भी उपयोग होता है, जो शुभता और समृद्धि के प्रतीक के रूप में माना जाता है.


नारियल का पूजा में महत्व विशेष रूप से भारतीय संस्कृति में उच्च मान्यता और महत्वपूर्ण धार्मिक संदेशों का प्रतीक है. इसका उपयोग ध्यान में धर्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठानों के दौरान शुभता, समृद्धि, और धार्मिक साधना को बढ़ावा देता है.


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