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पल्मोनरी आर्टेरियल हाइपरटेंशन (पीएएच): एक जीवन-घातक रोग जो फुफ्फुसीय धमनियों और हृदय को करता है प्रभावित

Updated on: 05 December, 2024 11:30 AM IST | mumbai

पल्मोनरी आर्टेरियल हाइपरटेंशन (पीएएच) एक गंभीर और दुर्लभ बीमारी है, जो फुफ्फुसीय धमनियों और हृदय के दाहिने हिस्से को प्रभावित करती है.

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पल्मोनरी आर्टेरियल हाइपरटेंशन (पीएएच) एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी है, जो फुफ्फुसीय धमनियों (लंग्स की रक्त वाहिकाएं) और हृदय के दाहिने हिस्से को प्रभावित करती है. यह बीमारी धीरे-धीरे रक्तचाप को बढ़ाती है, जिससे दिल और लंग्स पर दबाव बढ़ता है और रोगी के जीवन को खतरे में डाल सकता है.

पीएएच के प्रबंधन पर बात करते हुए, प्रसिद्ध बाल हृदय रोग विशेषज्ञ और पल्मोनरी हाइपरटेंशन विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत बोभाटे ने बीमारी के वर्तमान जनसांख्यिकीय रुझानों और चुनौतियों पर अपनी महत्वपूर्ण राय साझा की. उन्होंने बताया कि पीएएच के लगभग 60 प्रतिशत रोगी वयस्क होते हैं, और इनमें से अधिकतर 18 साल या उससे बड़े होते हैं. इस कारण, बीमारी का समय पर निदान करना बेहद जरूरी है, क्योंकि इसका इलाज अक्सर बीमारी के आखिरी चरणों में किया जाता है, जब इसे पहचान पाना मुश्किल हो जाता है.


डॉ. बोभाटे ने पीएएच, विशेष रूप से समूह 1 पीएएच (जो कि इंडियापैथिक या आनुवंशिक रूप से होता है), में लिंग असमानता पर भी ध्यान केंद्रित किया. उनका कहना था कि इस समूह के लगभग 80 प्रतिशत मामले महिलाएं हैं. यह आंकड़ा यह दिखाता है कि पीएएच के लिंग-विशिष्ट कारणों और उपचार प्रतिक्रियाओं पर और अधिक शोध की आवश्यकता है.


पीएएच के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल "पीएच मंथ" मनाया जाता है. डॉ. बोभाटे ने इस दौरान रोग के प्रबंधन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की जरूरत पर जोर दिया. उनका मानना है कि पीएएच के इलाज के लिए केवल दवाइयां ही नहीं, बल्कि जीवनशैली में बदलाव और शुरुआती हस्तक्षेप भी आवश्यक हैं. इसके साथ ही एक बहु-विषयक टीम की जरूरत होती है, जो रोगी के इलाज और देखभाल के विभिन्न पहलुओं को समझे और उपचार में सुधार लाए.

आखिर में, डॉ. बोभाटे ने पीएएच के उपचार में सुधार के प्रति अपनी उम्मीद जताई. उनका कहना था कि नई नैदानिक तकनीकों और उपचारों के कारण, जल्दी पहचान और इलाज से रोगी की जीवन दर में सुधार हो सकता है और इस गंभीर बीमारी का प्रभावी तरीके से प्रबंधन संभव हो सकता है.


डॉ. प्रशांत बोभाटे का परिचय
डॉ. प्रशांत बोभाटे को जन्मजात हृदय रोग और पल्मोनरी हाइपरटेंशन के निदान और उपचार में 12 से अधिक वर्षों का अनुभव है. वे इकोकार्डियोग्राफी और कार्डियक कैथीटेराइजेशन जैसे जटिल उपचारों में माहिर हैं और इस क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध हैं.

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